सीएम कमलनाथ की पहली प्रशासनिक सर्जरी पर विवाद, शमीमउद्दीन पर एतराज़

सीएम कमलनाथ की पहली प्रशासनिक सर्जरी पर विवाद, शमीमउद्दीन पर एतराज़

सीएम कमलनाथ की पहली प्रशासनिक सर्जरी पर विवाद  खड़ा हो रहा है. अलीराजपुर  भेजे गए कलेक्टर शमीमउद्दीन पर व्यापम आरोपी से सांठगांठ का आरोप है विवादित आईएएस अधिकारी शमीमउद्दीन को अलीराजपुर ज़िले का कलेक्टर बनाने पर नया विवाद खड़ा हो गया है.शमीमउद्दीन पर व्यापम घोटाले के एक आरोपी से सांठगांठ का आरोप है. शमीमुद्दीन के खिलाफ सीबीआई में शिकायत करने वाले आरटीआई एक्टिविस्ट ने ही उनकी पोस्टिंग पर सवाल उठाए हैं.

2015 में भोपाल के आरटीआई एक्टिविस्ट ऐश्वर्य पांडेय ने  शमीमउद्दीन के खिलाफ व्यापम घोटाले के आरोपी पंकज त्रिवेदी के साथ मिलकर ईटखेडी में ज़मीन खरीदने का आरोप लगाया था. पांडेय ने इसकी शिकायत सीबीआई में की थी.

ऐश्वर्य पांडेय के मुताबिक 2015 में संयुक्त रूप से निवेश किया गया था. इसकी जानकारी संबंधित तत्कालीन अधिकारियों के विभागों के पोर्टल पर नहीं थी.तकनीकी शिक्षा मंत्रालय में रहते हुए अपर सचिव शमीमउद्दीन ने अपनी पत्नी नईम खालिक के नाम ज़मीन ख़रीदी थी.शमीमउद्दीन की पत्नी के आगे उनका नाम ना होकर उनके ससुर का नाम दर्ज कराया गया था.व्यापम घोटाले के आरोपी पंकज त्रिवेदी ने अपने बेटे और बेटी के नाम ज़मीन ली थी.इसके अलावा पंकज त्रिवेदी के भाई पीयूष त्रिवेदी सहित 14 लोगों ने ज़मीन में निवेश किया है. इसका खसरा 2017 में अलग-अलग नामों पर किया गया है.

ज़मीन मालिक          संबंध
01 ईशान त्रिवेदी       पिता पंकज त्रिवेदी
02 इशिता त्रिवेदी     पिता पंकज त्रिवेदी
03 नईन खालिक     पति शमीमउद्दीन
04 सपना शर्मा        पति मुकेश शर्मा (सीईओ क्रिप्स)
05 ब्रजेश व्यास        पूर्व बीडीएम एमपी ऑनलाइन
06 रूचि नहार        पिता अरुण नहार (पूर्व तकनीकी शिक्षा संचालक)
07 राजेश पांडेय      पिता मुकेश पांडेय (तत्कालीन डीन, आरजीपीवी)
08 अनिता शर्मा      पति संजीव शर्मा (तत्कालीन डिप्टी रजिस्ट्रार, आरजीपीवी)
09 गरिमा चौबे        पति एससी चौबे (तत्कालीन संयुक्त परीक्षा नियंत्रक, आरजीपीवी)
10 आर के श्रीवास्तव   तत्कालीन प्राचार्य पॉलीटेक्निक
11 संगीता पचघड़े    क्रिस्प में नौकरी
12 वर्षा बंसल          क्रिस्प में नौकरी
13 राका रंजन         क्रिस्प में नौकरी
14 लीना क्रिशक      क्रिस्प में नौकरी

इस ज़मीन में तकनीकी शिक्षा विभाग से जुड़े लोगों का निवेश है.यही सबसे बड़ा कारण रहा कि भोपाल ज़िले के 506 गांवों को छोड़कर आरजीपीवी के कुलपति सुनील कुमार गुप्ता ने बिसनखेड़ी गांव को गोद लिया था, जहां इन विवादित लोगों की जमीन है.व्यापम से जुड़े सूत्र के साथ पार्टरशिप होने से कई सवाल खड़े होते हैं.