हाफिज, दाऊद विरासत में मिले मसले, मैं जिम्मेदार नहीं: इमरान
इस्लामाबाद
आतंकियों की पनाहगाह के तौर पर बदनाम हो चुके पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि हमारी जमीन का इस्तेमाल बाहर आतंकवाद फैलाने में हो, यह उनके देश के हित में भी नहीं है। मुंबई हमले के गुनहगार हाफिज सईद और मोस्ट वांटेड आतंकी दाऊद इब्राहिम के बारे में पूछे जाने पर पाक पीएम ने कहा कि उनकी सरकार को यह मसले विरासत में मिले हैं। उन्होंने कहा कि अतीत के लिए मुझे जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है। इमरान खान ने आगे कहा कि वह अपने भारतीय समकक्ष नरेंद्र मोदी के साथ बातचीत करने के लिए तैयार हैं।
उन्होंने कहा कि पीएम मोदी से मुलाकात और बात करने में उन्हें खुशी होगी। दरअसल, खान भारत के उस रुख के संदर्भ में बोल रहे थे जिसमें साफ कर दिया गया है कि आतंकवाद और बातचीत साथ-साथ नहीं चल सकते हैं। भारत ने कहा है कि पाकिस्तान के साथ तब तक वार्ता नहीं हो सकती है जब तक कि वह सीमा पार आतंकवाद को समर्थन और संरक्षण देना बंद नहीं कर देता।
'हाफिज पर पहले से ही शिकंजा'
इस्लामाबाद में भारतीय पत्रकारों से बातचीत में इमरान ने कहा कि इतिहास से हमें सीखना चाहिए, उसमें रहना नहीं चाहिए। हाफिज सईद को दंड देने के सवाल पर उन्होंने कहा, 'हाफिज सईद के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र का प्रतिबंध है। पहले से ही उस पर शिकंजा कसा हुआ है।' आपको बता दें कि एक दिन पहले करतारपुर कॉरिडोर के शिलान्यास कार्यक्रम में इमरान खान ने भारत से संबंध बढ़ाने की बात की थी।
हालांकि करतारपुर इवेंट में इमरान ने आतंकवाद पर चुप्पी साधे रखी और धार्मिक कार्यक्रम में कश्मीर का मुद्दा उठा दिया था। इस पर भारत ने कड़ी आपत्ति भी दर्ज कराई। एक दिन बाद गुरुवार को उन्होंने भारतीय पत्रकारों से कहा कि पाकिस्तान के लोग भारत के साथ अमन चाहते हैं। यहां के लोगों की मानसिकता बदल चुकी है।
'हम अतीत में नहीं रह सकते'
मोस्ट वांटेड आतंकी दाऊद इब्राहिम को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में इमरान ने कहा, 'हम अतीत में नहीं रह सकते हैं।' दरअसल, दाऊद 1993 में मुंबई बम धमाकों का मास्टरमाइंड है और वह लगातार पाकिस्तान में रह रहा है। हाल ही में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने भी आतंकियों की सूची जारी की थी, जिसमें दाऊद भी शामिल था और उसका पता कराची बताया गया था।
'कश्मीर मसले का सैन्य समाधान नहीं'
क्या कश्मीर मसले का समाधान संभव है, यह पूछे जाने पर खान ने कहा, 'लोगों की मानसिकता बदल गई है। कुछ भी असंभव नहीं है। मैं किसी भी मसले पर बात करने के लिए तैयार हूं। कश्मीर के लिए सैन्य समाधान नहीं हो सकता है।' हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि शांति के प्रयास एकतरफा नहीं हो सकते हैं। खान ने कहा, 'हम नई दिल्ली के रुख के लिए भारत में चुनाव संपन्न होने का इंतजार कर रहे हैं।'