आरबीआई ने रीपो रेट 0.25 फीसदी घटाया, होम लोन हो सकता है सस्ता

आरबीआई ने रीपो रेट 0.25 फीसदी घटाया, होम लोन हो सकता है सस्ता

नई दिल्ली
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने वित्त वर्ष 2019-20 की दूसरी द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा के दौरान रीपो रेट में 0.25% कटौती का फैसला किया। इसके साथ ही, अब रीपो रेट 6.0% से घटकर 5.75% हो गया। एमपीसी के सभी छह सदस्यों ने रीपो रेट में कटौती का समर्थन किया। वित्त वर्ष 2019-20 के लिए जीडीपी विकास दर अनुमान को 7.2 फीसदी से घटाकर सात फीसदी कर दिया गया है। छह सदस्यीय एमपीसी की बैठक की अध्यक्षता आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने की। नई मौद्रिक नीति के तहत रिवर्स रीपो रेट घटकर 5.50 प्रतिशत, जबकि बैंक रेट 6 प्रतिशत पर आ गया है। हालांकि सीआआर में कोई कटौती नहीं की गई है। महंगाई लक्ष्य 2020 तक


सस्ता होगा लोन
दरअसल, रीपो रेट ब्याज की वह दर होती है, जिस पर रिजर्व बैंक बैकों को फंड मुहैया कराता है। चूंकि रीपो रेट घटने से बैंकों को आरबीआई से सस्ती फंडिंग प्राप्त हो सकेगी, इसलिए बैंक भी अब कम ब्याज दर पर होम लोन, कार लोन सहित अन्य लोन ऑफर कर पाएंगे। इससे नया लोन सस्ता हो जाएगा, जबकि लोन ले चुके लोगों को या तो ईएमआई में या रीपेमेंट पीरियड में कटौती का फायदा मिल सकता है।

लगातार तीसरी बार घटा रीपो रेट
बता दें कि यह चालू वित्त वर्ष की दूसरी मौद्रिक नीति समीक्षा है। आरबीआई ने इससे पहले अप्रैल में रीपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती की थी। आरबीआई ने इससे पहले तीन बार से अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा में रीपो रेट को लेकर स्थिति पहले जैसी बरकरार रखी थी।

नीतिगत रुख न्यूट्रल बरकरार
बहरहाल, एमपीसी ने उम्मीद के मुताबिक नीतिगत रुख को अकोमोडेटिव कर दिया है। इस बार विशेषज्ञों ने उम्मीद जताई थी कि एमपीसी मौद्रिक स्थिति के संबंध में अपने मौजूदा 'तटस्थ' रुख को बदलकर कर सकती है क्योंकि मुद्रास्फीति दर नीचे बनी हुई है।