कश्मीर पर अब पाकिस्तान और सऊदी अरब में ठन गई
इस्लामाबाद
इस्लाम के नाम पर साथ चलने वाले पाकिस्तान और सऊदी अरब में कश्मीर को लेकर ठन गई है। कश्मीर मुद्दे पर बार-बार साथ मांगने के बावजूद भी जब सऊदी ने पाकिस्तान को ठेंगा दिखा दिया तो इमरान खान की सरकार अनाब-शनाब बयानबाजी करने लगी। नौबत यहां तक आ गई है कि पाकिस्तान को पिछले सप्ताह सऊदी को 1 अरब डॉलर का कर्ज लौटाना पड़ा। दूसरी तरफ मई से ही सऊदी ने पाकिस्तान को तेल उधार देना बंद कर दिया है।
•पाकिस्तान सऊदी अरब पर जोर देता आ रहा है कि वह उसे कश्मीर मुद्दे पर इस्लामिक दुनिया से समर्थन हासिल करने की अनुमति दे। फरवरी में इसने कश्मीर मुद्दे पर इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) की बैठक बुलाने को कहा था, लेकिन सऊदी अरब ने इस अपील को ठुकरा दिया। ओआईसी 57 मुस्लिम देशों का एक समूह है जिसमें सऊदी अरब का काफी बोलबाला है।
•जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी खुलकर यह मांग करते रहे कि सऊदी अरब इस मुद्दे पर ओआईसी काउंसिल की बैठक बुलाए।
•पाकिस्तान की इस मांग पर ध्यान नहीं दिए जाने के बाद कुरैशी ने सऊदी अरब की निंदा की। एक टीवी इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि यदि सऊदी अरब पाकिस्तान का साथ नहीं दे सकता है तो वह उन इस्लामिक देशों की बैठक बुलाएगा जो कश्मीर मुद्दे साथ देंगे। लेकिन पाकिस्तान में ही इस बयान की आलोचना हुई। कुछ विशेषज्ञों ने कहा कि कुरैशी को इस मामले में सावधानी बरतनी चाहिए थी।
•पाकिस्तानी पत्रकार आमिर मतीन ने कहा, ''यह उम्मीद नहीं की जानी चाहिए कि सऊदी अरब पाकिस्तान का दोस्त है इसलिए कश्मीर पर भारत के रुख के खिलाफ ही रहेगा। यह कॉलेज नहीं अंतरराष्ट्रीय मंच है।
•सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मुहम्मद बिन सलमान ने फरवरी 2019 में पाकिस्तानी दौरे के समय 20 अरब डॉलर का एमओयू साइन किया था। विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान की निरंतर जिद से पूरे निवेश को खतरा हो सकता है। वे कहते हैं कि इस्लामाबाद को मौजूदा विवाद को ध्यान से संभालना चाहिए क्योंकि प्रिंस सलमान युवा हैं और आवेगी स्वभाव के हैं।
• OIC सदस्यों से समर्थन हासिल करने में नाकाम रहने के बाद 22 मई को इमरान खान ने कहा, ''कारण यह है कि हमारी कोई आवाज नहीं है और हमारे बीच पूरी तरह बिखराव है। हम कश्मीर पर ओआईसी बैठक में एक नहीं हो सकते हैं।
•अन्य विशेषज्ञों का कहना है कि यहां तक कि चीन भी सावधान है और मध्य पूर्व की राजनीति में शामिल होने में सतर्कता बरत रहा है।
•एक न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान ने समय से चार महीने पहले ही सऊदी का 1 अरब डॉलर कर्ज चुका दिया है। इसमें कहा गया है कि पाकिस्तान अमेरिका को भी 2 अरब डॉलर का कैश लोन चुना सकता है, यदि उसे यह पैसा चीन से मिल जाए।
•सालाना 3 अरब डॉलर के कैश सपॉर्ट और 3.2 अरब डॉलर की तेल सुविधा के दो और साल के लिए रिन्यू होने का प्रावधान था।
•UAE ने दिसंबर 2018 में पाकिस्तान के लिए 6.2 अरब डॉलर के पैकेज की घोषणा की थी, जिसमें 3.2 अरब डॉलर का तेल शामिल था। लेकिन बाद में UAE ने आर्थिक सहायता को घटाकर 2 अरब डॉलर का कर दिया और 3.2 अरब डॉलर के उधार तेल के प्लान में भी कटौती कर दी।

bhavtarini.com@gmail.com 
