खतरनाक विकेट पर टेस्ट मैच की तरह है कोविड-19: सौरव गांगुली

खतरनाक विकेट पर टेस्ट मैच की तरह है कोविड-19: सौरव गांगुली

 नई दिल्ली 
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष सौरव गांगुली ने रेडियो स्टेशन फीवर नेटवर्क इस महामारी को खतरनाक विकेट पर टेस्ट मैच बताया। उन्होंने कहा कि इस टेस्ट में गेंद सीम हो रही है, स्पिन कर रही है। बल्लेबाज के पास गलतियों की बहुत कम संभावनाएं हैं। टीम इंडिया के पूर्व कप्तान ने कहा, ''बल्लेबाज को रन भी बनाने हैं और अपनी विकेट भी सुरक्षित रखनी है, तभी यह टेस्ट जीता जा सकता है। यह बहुत मुश्किल है, लेकिन हमें उम्मीद है कि हम साथ मिलकर यह मैच जीत लेंगे।''

कोविड महामारी की वजह से सभी क्रिकेट टूर्नामेंट स्थगित या रद्द कर दिए गए हैं। आईपीएल 2020 को भी अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किया जा चुका है। लॉकडाउन में सभी क्रिकेटर अपने परिवार के साथ घर पर वक्त बिता रहे हैं।
 
बीसीसीआई अध्यक्ष गांगुली भी अपना समय परिवार के साथ बिता रहे हैं। उन्होंने कहा, ''लॉकडाउन को एक महीने से अधिक का समय हो गया है, इससे पहले मैंने इतना समय कभी अपने परिवार को नहीं दिया। रोज यात्रा मेरी जीवनशैली का हिस्सा है। लेकिन पिछले 30-32 दिनों से मैं अपने परिवार के साथ घर पर हूं। अपनी पत्नी, बेटी, मां और भाई के साथ समय बिता रहा हूं। मैं इसका आनंद ले रहा हूं।''

उन्होंने कहा, ''मैं मौजूदा हालात से दुखी हूं, क्योंकि बहुत से लोग तकलीफ उठा रहे हैं। हम इस महामारी को अब तक नहीं समझ पाए हैं। हमें समझ नहीं आ रहा कि इससे कैसे निबटा जाए, यह अचानक आई है और हम इसके लिए तैयार नहीं थे। लोग इससे बुरी तरह संक्रमित हो रहे हैं। हजारों लोग इससे मर चुके हैं। अन्य लोगों की तरह मैं भी भयभीत हूं। मैं चाहता हूं कि यह महामारी जल्दी खत्म हो।''

 घर पर गांगुली क्या कर रहे हैं? इस पर उन्होंने कहा, ''मैं घर से ही काम कर रहा हूं, बीसीसीआई और आईसीसी का काम, लेकिन मेरा अपना काम- शूटिंग, खेल और स्कूल सब बंद हैं। लेकिन डॉक्यूमेंट्स और प्रशासनिक काम हो रहा है।''

वह कैसे खुद को पॉजिटिव रख पाते हैं इस पर उन्होंने कहा, ''क्रिकेट ने मुझे बहुत कुछ सिखाया है। रियल लाइफ में भी मैंने हाई प्रेशर स्थितियां झेली हैं। आपको रन बनाने हैं और एक गेंद बची हुई है। आप कोई गलत कदम नहीं उठा सकते। एक गलत फुटवर्क आपको दोबारा मौका नहीं देगा। क्रिकेट आपको जल्दी निर्णय लेना सिखाता है। क्योंकि मैदान पर आपके पास सोचने का मौका नहीं होता। क्रिकेट आपको धैर्य, सफलता और असफलता को हैंडल करना सिखाता है। इसी तरह जब आप जीवन में बुरे दौर से गुजरते हैं तो आप जानते हैं कि यह दौर भी खत्म हो जाएगा।''