डॉ. भारत देवांगन आत्महत्या मामला, पांचों आरोपियों की अग्रिम जमानत याचिका खारिज

डॉ. भारत देवांगन आत्महत्या मामला, पांचों आरोपियों की अग्रिम जमानत याचिका खारिज

रायपुर
डॉ. भारत देवांगन आत्महत्या कांड के मामले में मध्यप्रदेश जबलपुर के सेशन जज ने मामले को संवदेनशील मानते हुए पांचों डाक्टर आरोपियों द्वारा दायर की गई अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया। मामला दर्ज होने के बाद पांचों डॉक्टर फरार हैं और पुलिस की गिरफ्तारी से बचने के लिये अग्रिम जमानत याचिका सेशन कोर्ट में लगाई थी।

उल्लेखनीय है कि जांजगीर-चांपा गांव राहौद के निवासी डॉ. भारत अग्रवाल ने एमबीबीएस के बाद जबलपुर के एनएससीबी मेडिकल कालेज में पीजी करने आर्र्थो में प्रवेश लिया था। डॉ. भारत देवांगन को कालेज के वरिष्ठ डॉक्टर प्रताड़ित करते थे उसकी ड्यूटी 24 घंटे के लगाने के साथ ही ओटी में उसे मुर्गा बना देते इतना ही नहीं सोशल मीडिया के प्लेटफार्म पर भी आपत्तीजनक पोस्ट कर उसे प्रताड़ित करते थे। मेडिकल कालेज हॉस्टल में उसने सितबंर में जान देने का प्रयास किया था और फिर उसका इलाज कर जबलपुर से जांजगीर चांपा अपने घर आया। डॉ. भारत देवांगन ने अपनी आपबीती कहानी अपने भाई को बताई। भाई द्वारा समझाने के बाद डॉ भारत वापस कालेज गया और 1 अक्टूबर को फांसी लगाकर उसने आत्महत्या कर ली।

इस मामले में जबलपुर के गढ़ा थाना में डॉ भारत देवांगन के बड़े भाई प्रहलाद देवांगन पांचों आरोपी डॉक्टर छात्रों के साथ ही मेडिकल कालेज व अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई। प्रहलाद ने पांचों वरिष्ठ डॉक्टर विकास द्विवेदी, अमन गौतम, सलमान, शुभम सिंदे और अभिषेक के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई जिसमें उन्होंने इन लोगों के द्वारा डा. भारत को प्रताड़ित करने और आत्महत्या के लिए मजबूर किया।

प्रहलाद देवांगन की रिपोर्ट के बाद पुलिस ने मामला दर्ज करते हुए पांचों डॉक्टरों की तलाश शुरू कर दी जो कि घटना के बाद से आज दिनांक तक फरार है। इसी दौरान फरार डॉक्टर छात्रों ने अधिवक्ता के माध्यम से सेशन कोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की। डॉक्टरों के वकील ने कोर्ट में डॉक्टरों के भविष्य का हवाला देते हुए अग्रिम जमानत दिए जाने की मांग की थी। जिसका अभियोजन पक्ष ने विरोध करते हुए सेशन जज विश्वनाथ शर्मा की कोर्ट में तर्क रखा कि यह मामला अत्यंत संवेदनशील है और यदि आरोपियों को अग्रिम जमानत दी जाती है तो समाज में इसका गलत संदेश जाएगा। कोर्ट में वकील ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ गढ़ा थाने में 306 और 34 के तहत मामला दर्ज है। सेशन जज ने अभियोजन पक्ष के द्वारा दी गई दलील को स्वीकार करते हुए पांचों आरोपी डॉक्टरों की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया।