नगर निगम का कारनामा, कोरोना से तड़पते मरीजों के लिए कचरे के ट्रक में भिजवाए 34 वेंटिलेटर

सूरत
गुजरात में सूरत महानगर पालिका ने ऐसा कारनामा कर डाला कि सोशल मीडिया पर लोग बहुत दुत्कार रहे हैं। दरअसल, कोरोना के बढ़ते प्रकोप की वजह से इन दिनों गुजरात में वेंटिलेटर की कमी पड़ रही थी, ऐसे में राज्य सरकार ने वेंटिलेटरों की संख्या बढ़ाने के आदेश दिए। सरकार ने वलसाड से 34 वेंटिलेटर सूरत पहुंचाने का आदेश दिया था। वेंटिलेटर मरीजों के लिए जीवनरक्षक की तरह होते हैं और इलेक्ट्रोनिक मशीनरी होते हैं। मगर, महानगर पालिका की टीम ने इनको लेकर शर्मिंदगी भरा काम किया। वेंटिलेटरों की कमी को पूरा करने के लिए महानगर पालिका की टीम द्वारा 34 वेंटिलेटरों को कूड़ा-कचरा ढोने वाले ट्रक में ले जाया गया। जिसकी तस्वीरें सामने आईं तो वायरल हो गईं।
प्रतिष्ठित मीडिया ग्रुप 'इंडिया टूडे' की रिपोर्ट में बताया कि, कचरा ट्रक में लादकर जीवनरक्षक वेंटिलेटर सूरत के अस्पतालों में पहुंचाए गए हैं। कचरा ट्रक को देखकर ऐसा लग रहा था जैसे कबाड़ को ढोया जा रहा हो। ताज्जुब की बात यह है कि वेंटिलेटर लाने के लिए सूरत से भेजे गए कचरा ढोने वाले ट्रक का वलसाड प्रशासन ने भी विरोध नहीं किया। कचरा-ट्रक में ढोए जा रहे वेंटिलेटर्स का वीडियो और फोटो सामने आए तो यह लापरवाही सामने आई। बताया जा रहा है कि, अब वलसाड कलेक्टर आरआर रावल ने इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं। सूरत के अस्पतालों में वेंटिलेटर की मांग काफी ज्यादा है। इसकी वजह यह है कि अब गुजरात में कोरोना के सबसे ज्यादा मरीज यहीं पाए जा रहे हैं। राज्य में बीते सोमवार को कोरोना वायरस के पहली बार 3,000 से अधिक मामले सामने आए। जिनमें ज्यादातर सूरत से थे।