पुलिस सिर्फ वर्दी का रौब झाड़ने में लगी रहती, जबकि रौब तो काम से नजर आना चाहिए : हाईकोर्ट
इंदौर
पुलिस सिर्फ रौब झाड़ने का काम करती है, तनख्वाह पर करोड़ों खर्च करने के बावजूद पुलिस का काम नजर नही आता। आरोपी पर भी कार्रवाई तब तक नही होती जब तक कोर्ट उसमें दखल नही देता।दो साल हो गए है पुलिस अब तक एक युवती को तलाश नही कर पाई है।हर मामले में कोर्ट को एसआईटी गठित करना पड़ती है। यह टिप्पणी हाईकोर्ट ने एक केस की सुनवाई के दौरान की है।
दरअसल, बाणगंगा क्षेत्र निवासी टि्वंकल 16 अक्टूबर 2016 की सुबह 9 बजे घर से गायब हो गई थी। 18 अक्टूबर को बाणगंगा थाने में उसकी गुमशुदगी दर्ज कराई गई। परिजन ने क्षेत्र के ही भाजपा नेता जगदीश करोतिया और उसके बेटों पर आरोप लगाया था।लेकिन इसके बावजूद पुलिस ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की। इससे परेशान होकर परिजनों ने एडवोकेट अजय बागड़िया और गजेंद्र चौहान के माध्यम से हाई कोर्ट में याचिका दायर की। कोर्च ने सोमवार को सुनवाई करते हुए पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए ।
कोर्ट ने कहा कि जब तक कोर्ट का दखल नहीं होता, पुलिस कार्रवाई तक नहीं करती। दो साल बीतने के बावजूद पुलिस एक युवती को तलाश नहीं सकी। तनख्वाह पर करोड़ों खर्च होने के बावजूद पुलिस का काम नजर नहीं आता। हर मामले में कोर्ट को एसआईटी गठित करना पड़ती है। वही कोर्ट ने डीआईजी को निर्देश देते हुए कहा कि वे खुद अपनी निगरानी में जांच कराएं और अगली सुनवाई पर बताएं कि इस मामले में विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करने और जांच का काम कहां तक पहुंचा। कोर्ट इस मामले में अब 19 नवंबर को सुनवाई करेगी।