मांगों को लेकर अड़े आॅपरेटर, नहीं चलीं बसें

मांगों को लेकर अड़े आॅपरेटर, नहीं चलीं बसें


जबलपुर
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने भले ही साढ़े चार माह से खड़ी बसों को मप्र के अंदर आज से फुल सीट सवारी लेकर संचालित करने की अनुमति  दे दी है, परंतु बस आॅपरेटर अभी भी बसों को चलवाने के मूड में नहीं हैं। एसोसिएशन के पदाधिकारियों का साफ कहना है कि जब तक टैक्स की माफी और यात्री किराए में वृद्धि करने की लंबित मांग पूरी नहीं हो जाती तब तक यात्री बसें चलाना संभव नहीं हो पाएगा। सरकार की घोषणा के बाद कुछ यात्री आज आईएसबीटी पहुंचे, किंतु उन्हें निराशा ही हाथ लगी। बस आॅपरेटरों के रवैये के चलते उन्हें बैरंग लौटना पड़ा। अब समझा जा रहा है कि यात्रियों को बस यात्रा के लिए 31 अगस्त तक का इंतजार करना पड़ सकता है।

विगत साढ़े चार माह से खड़ी बसों के टैक्स को लेकर 13 अगस्त को बस आॅनर एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने सागर में परिवहन मंत्री भूपेन्द्र सिंह के साथ बैठक की थी। जिसके बाद सार्थक परिणाम निकलने की उम्मीद बढ़ी । परिवहन सूत्रों की मानें तो सरकार 3 माह का टैक्स शून्य कर सकती है पर बस आॅपरेटर दिसंबर तक का टैक्स शून्य करने की मांग पर अड़े हैं।  ऐसी खबर है कि सरकार की तरफ से सितंबर तक का टैक्स शून्य करने और आगामी माह के टैक्स को 50 प्रतिशत करने पर समझौता हो सकता है। दूसरी प्रमुख मांग यात्री किराया बढ़ाने और नानयूज को लेकर भी गंभीर मंथन हो रहा है। इसको लेकर भी मंत्रालय में अधिकारियों के साथ लंबा विचार-विमर्श किया गया है।  खबर है कि परिवहन मंत्री और विभाग के अधिकारियों के साथ बस यूनियनों की सक्रियता की वजह से शीघ्र ही सड़कों पर बसें दिखाई दे सकती हैं और आईएसबीटी में फिर से रौनक लौट सकती है, लेकिन यदि उक्त मांगों को पूरा नहीं किया जाता है तो यात्रियों को बसों की सवारी करने के लिए अभी और इंतजार करना पड़ सकता है।