हाइपरसोनिक म‍िसाइलों से लैस शक्तिशाली युद्धपोत बना रहा रूस

हाइपरसोनिक म‍िसाइलों से लैस शक्तिशाली युद्धपोत बना रहा रूस

 मास्को

नाटो के साथ बढ़ते तनाव के बीच रूस दुनिया का सबसे शक्तिशाली युद्धपोत एक बार फिर से लॉन्‍च करने जा रहा है। परमाणु ऊर्जा से चलने वाले इस युद्धपोत का नाम है एडमिरल नखिमोव। लॉन्‍च करने से पहले रूस इस युद्धपोत को अत्‍याधुनिक हथियारों से लैस करने के लिए व्‍यापक आधुनिकीकरण अभ‍ियान चला रहा है। इस युद्धपोत पर लगाए जा रहे नए हथियार और सेंसर अमेरिका और चीन को पीछे छोड़ इसे विश्‍व का सबसे शक्तिशाली युद्धपोत बना देंगे।

एयरक्राफ्ट कैरियर को बर्बाद कर देंगी ग्रेनाइट मिसाइलें
इस तरीके के युद्धपोत का इस्‍तेमाल द्वितीय विश्‍वयुद्ध के बाद बहुत ज्‍यादा नहीं हुआ है। आधुनिक युद्धपोतों की तरह से एडमिरल नखिमोव भी है जो परमाणु ऊर्जा से चलता है। इसे कोल्‍ड वॉर की जरूरतों को देखकर बनाया गया था। यह उस समय भी सबसे शक्तिशाली युद्धपोत था और आज भी है। इस युद्धपोत को बेहद घातक हथियारों से लैस किया गया है। इसमें 20 विशालकाय P-700 ग्रेनाइट मिसाइलें लगी हैं जो किसी भी अमेरिकी एयरक्राफ्ट कैरियर को तबाह कर सकती हैं।

दुश्‍मन को पलभर में तबाह कर देंगी S-300 म‍िसाइलें
एडमिरनल नखिमोव पर 96 S-300 और 40 9K33 ओसा शॉर्ट रेंज मिसाइलें लगाई जा रही हैं जिससे यह पलभर में ही दुश्‍मन के फाइटर जेट या ड्रोन को मार ग‍िराएंगी। इसके अलावा इस पर नजदीकी युद्ध के लिए 6 काश्‍तान प्रणाली लगाई गई हैं जिनमें से प्रत्‍येक में 30 मिलीमीटर की दो गन लगी हुई है। इसके अलावा 8 शार्ट रेंज की 9M311 मिसाइलें लगी होती हैं। इस तरह की कुल 192 मिसाइलें इस युद्धपोत पर रहती हैं। ऐसे संकेत हैं कि इस युद्धपोत को जल्‍द ही लॉन्‍च किया जा सकता है। यह युद्धपोत जुलाई 1997 में अंतिम बार समुद्री मिशन पर निकला था।

रूस के लिए आसान नहीं होगा नखिमोव का संचालन
अपने विशाल आकार और जटिलता की वजह से एडमिरल नखिमोव का संचालन रूसी राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन के लिए आसान नहीं होगा। इसके संचालन के लिए बड़ी संख्‍या में नौसैनिकों की जरूरत होगी। रूस के पास इस तरह के दो युद्धपोत ही अब बचे हैं। दूसरे युद्धपोत का नाम पीटर द ग्रेट है जो रूसी नौसेना के आर्कटिक फ्लीट का हिस्‍सा है। एडमिरल नखिमोव का आधुनिकीकरण चल रहा है और नई तकनीकों से लैस किया जा रहा है। इस युद्धपोत पर सबमरीन रोधी हथियारों की तैनाती जा रही है। साथ ही इस पर AK-192 गन भी लगाई जा रही है।

हाइपरसोनिक म‍िसाइल से लैस होगा एडमिरल नखिमोव
रूसी मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक एडमिरल नखिमोव को रूस की हाइपरसोनिक एंटी शिप म‍िसाइल 3M22 जिरक्रोन से लैस किया जाएगा। रूसी नौसेना अब इस एंटी श‍िप मिसाइल का बड़े पैमाने पर इस्‍तेमाल करने जा रही है। रूसी राष्‍ट्रपति ने हाल ही में हुई नेवी डे परेड के दौरान हाइपरसोनिक म‍िसाइलों पर काफी जोर दिया था। जिक्रोन अपनी मूल मिसाइल P-700 से छोटी है और इस वजह से ज्‍यादा संख्‍या में ले जाई जा सकेगी। एडमिरल नखिमोव पर कुल 60 जिक्रोन मिसाइलों को तैनात किया जा सकता है। हालांकि अभी यह स्‍पष्‍ट नहीं हुआ है कि रूस अपनी बहुचर्चित कैलिबर मिसाइलों को इस पर तैनात करेगा या नहीं।