12 साल से कम उम्र के बच्‍चों के ल‍िए फाइजर ने शुरू क‍िया टीके परीक्षण 

12 साल से कम उम्र के बच्‍चों के ल‍िए फाइजर ने शुरू क‍िया टीके परीक्षण 

वॉशिंगटन
अमेरिका की दवा निर्माता कंपनी फाइजर ने 12 साल से कम उम्र के बच्‍चों के लिए कोरोना वायरस टीके का परीक्षण शुरू कर दिया है। कंपनी को उम्‍मीद है कि वर्ष 2022 के शुरुआती दिनों में कोरोना वायरस वैक्‍सीन बच्‍चों के लिए भी आ जाएगी। कोरोना महामारी से बचाव के लिए फाइजर समेत कई कं‍पनियों के वयस्‍कों के लिए वैक्‍सीन पहले ही आ चुकी है और इसे तेजी से लगाया जा रहा है।


फाइजर के प्रवक्‍ता ने कहा कि शुरुआती स्‍टेज के ट्रायल के लिए पहले वॉलंटियर्स को बुधवार को पहला इंजेक्‍शन दिया गया है। अमेरिका में 16 साल या उससे ऊपर के लोगों को फाइजर का कोरोना वायरस का टीका लग रहा है। अमेरिका में बुधवार सुबह तक 6.6 करोड़ लोगों को कोरोना वायरस का टीका लग चुका है। 6 माह तक के बच्‍चों में कोरोना वायरस टीका लगाने के लिए इसी तरह का ट्रायल पिछले सप्‍ताह मॉडर्ना कंपनी ने भी शुरू किया था।

छोटे बच्‍चों के लिए किसी भी कोरोना वैक्‍सीन को मंजूरी नहीं
अमेरिका में केवल फाइजर की वैक्‍सीन को 16-17 साल तक के बच्‍चों में लगाई जा रही है। वहीं मॉडर्ना के कोरोना वायरस वैक्‍सीन को 18 साल या उससे ऊपर के लोगों में लगाने की मंजूरी दी गई है। अभी तक छोटे बच्‍चों के लिए किसी भी कोरोना वैक्‍सीन को मंजूरी नहीं दी गई है। फाइजर ने बच्‍चों में अपनी दो बार दी जाने वाली वैक्‍सीन को 3 अलग-अलग तरह के डोज में देने का प्‍लान बनाया है।

इस फेज 1/2 ट्रायल में कुल 144 बच्‍चे हिस्‍सा ले रहे हैं। इसके बाद कंपनी का बाद के ट्रायल के चरण में 4500 बच्‍चों को टीका लगाने का प्‍लान है। इस दौरान कंपनी बच्‍चों में सुरक्षा, टीके के सहने की क्षमता और वैक्‍सीन से पैदा हुई रोग प्रतिरोधक क्षमता की जांच करेगी। कंपनी को उम्‍मीद है कि वर्ष 2021 के पहले 6 महीने में यह पूरा हो जाएगा।