मुस्लिम मंत्रियों के इस्तीफे पर भड़के हिंदू सांसद
कोलंबो
श्रीलंका में ईस्टर पर हुए हमले के समर्थन को लेकर लग रहे आरोपों के विरोध में दो मुस्लिम गवर्नर और सभी मुस्लिम मंत्रियों ने सोमवार को इस्तीफा दे दिया था। मुस्लिम मंत्रियों के इस्तीफे पर हिंदू सांसद और नेता भड़क गए। मीडिया रिपोर्ट से मंगलवार को यह जानकारी मिली। बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, सभी मुस्लिम मंत्रियों के इस्तीफे पर हिंदू सांसदों और नेताओं ने कड़ा ऐतराज जताया है। द तमिल नेशनल अलायंस (टीएनए) के सांसद एम सुमनतिरन ने कहा कि मुस्लिम मंत्री भेदभाव के शिकार हो रहे हैं। आज ये निशाने पर हैं, कल हमलोग होंगे और आगे कोई और होगा। श्रीलंकाई नागरिकों को मिलकर रहने की जरूरत है।
श्रीलंका के हिंदू नेता मनो गणेशण ने कहा कि अगर सरकार बौद्ध संन्यासियों के हिसाब से चलेगी, तो गौतम बुद्ध भी मुल्क को नहीं बचा पाएंगे। मुस्लिम मंत्रियों को इस्तीफे के लिए मजबूर करना गौतम बुद्ध का अपमान है। अगर ऐसा ही रहा तो दुनिया श्रीलंका को बौद्ध देश को रूप में स्वीकार नहीं करेगी।
क्या है मामला
श्रीलंका में 21 अप्रैल को चर्च और होटलों पर हुए सीरियल बम धमाकों के बाद से मुस्लिम संगठनों पर उंगलियां उठ रही थीं। श्रीलंका के प्रभावी बौद्ध भिक्षु अथुरालिये रतना थिरो ने दो मुस्लिम गवर्नर और एक मंत्री के इस्तीफे की मांग को लेकर कैंडी शहर में आमरण अनशन किया था, उनके समर्थन में हजारों बौद्ध भिक्षु सड़कों पर उतर आए थे। रतना थिरो प्रधानमंत्री रानिल विक्रमासिंघे की पार्टी यूएनपी के सांसद हैं। रतना थिरो की भूख हड़ताल को देखते हुए दो प्रांतीय गवर्नर और केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल नौ मुस्लिम मंत्रियों ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। मुस्लिम मंत्रियों के इस्तीफे के बाद ही रतना ने अपनी भूख हड़ताल खत्म की।
सरकार पर असर नहीं
मंत्रियों ने अपने पद से इस्तीफा दिया है, जबकि सासंद के तौर पर ये सरकार के साथ खड़े हैं। इससे प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के संसदीय गठबंधन पर कोई खतरा नहीं है। श्रीलंका की 225 सदस्यीय संसद में 19 मुस्लिम हैं और उनमें से नौ के पास कैबिनेट, राज्य एवं उपमंत्री के पद था।
सजा भुगतने को तैयार
मुस्लिम सांसद राउफ हाकीम ने कहा कि हम सबने इसलिए इस्तीफा दिया है ताकि सरकार आरोपों की जांच कर सके। अगर जांच में हम किसी भी तरह दोषी पाए जाते हैं, तो जो भी सजा होगी भुगतने के लिए तैयार हैं, लेकिन निर्दोष लोगों को परेशान नहीं किया जाए। बता दें कि ईस्टर हमले के बाद वहां मुसलमानों की दुकानों और घरों पर हमले शुरू हो गए थे,जिसके बाद मुस्लिम समुदाय खौफ की जिंदगी जी रहा है।