किशनगढ़ की गुंदोलाव झील को प्रस्ताव प्राप्त होने पर संरक्षित झील घोषित किया जाएगा: स्वायत्त शासन राज्य मंत्री
जयपुर। स्वायत्त शासन राज्य मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने बुधवार को विधानसभा में आश्वस्त किया कि जिला स्तरीय झील समिति द्वारा प्रस्ताव प्राप्त होने पर राज्य स्तरीय समिति में एक माह में निर्णय कर किशनगढ़ स्थित गुंदोलाव झील को संरक्षित झील घोषित कर दिया जाएगा।
स्वायत्त शासन राज्य मंत्री प्रश्नकाल के दौरान सदस्य द्वारा इस संबंध में पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य में झीलों के विकास एवं संरक्षण के लिए 25 जनवरी, 2015 को प्रमुख शासन सचिव, स्वायत्त शासन की अध्यक्षता में राजस्थान झील विकास प्राधिकरण का गठन किया गया। जिला स्तर पर जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला स्तरीय झील समिति भी इस परियोजना में अधिकृत है।
इससे पहले विधायक विकास चौधरी के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में स्वायत्त शासन राज्य मंत्री ने बताया कि राज्य में झीलों का विकास और संरक्षण करने के लिए राजस्थान झील (संरक्षण और विकास) प्राधिकरण अधिनियम, 2015 लागू है। उन्होंने इसकी प्रति सदन के पटल पर रखी। अजमेर जिले की विभिन्न झीलों व मछली पालन वाले तालाबों की स्वच्छता एवं जल-कुंभी की समस्या के निवारण के लिए जिला प्रशासन द्वारा दिये गए निर्देशों के क्रम में नगरीय निकायों द्वारा अपने व्यय पर झीलों एवं तालाबों की साफ-सफाई के साथ-साथ जलकुंभी निकाले जाने का कार्य किया जाता है।
उन्होंने बताया कि नगर परिषद क्षेत्र किशनगढ़ में स्थित गुंदोलाव झील (तालाब) की सफाई एवं सभी घरेलू गंदे नालों को आपस में जोडते हुए, गंदे पानी को साफ करने के लिए एसटीपी एवं वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट प्लांट हेतु डीपीआर तैयार करवाने का कार्यादेश जारी किया गया है। कार्यादेश की प्रति उन्होंने सदन के पटल पर रखी। इसके अतिरिक्त नगर परिषद द्वारा समय-समय पर झील की स्वच्छता, झील के पानी में आक्सीजन की मात्रा बढाने के लिए 25 मार्च, 2023 से 15 अप्रैल, 2024 तक की अवधि में 5 बार चूना-डली के कट्टे डलवाये गये हैं। इसी प्रकार 24 मार्च, 2023 से 7 जुलाई, 2024 तक की अवधि में 4 बार मृत मछलियों को परिषद के सफाई कर्मचारियों के माध्यम से बाहर निकलवाया गया है एवं बीमारियों के खतरे को कम करने के लिए तालाब के किनारे एवं आसपास के नालों में 24 मार्च, 2023 से 5 अप्रैल, 2024 तक की अवधि में 2 बार डीडीटी पाउडर का छिडकाव करवाया गया है। वर्तमान में इन तालाबों में कोई मृत मछलियां नहीं हैं।
स्वायत्त शासन राज्य मंत्री ने जानकारी दी कि गुन्दोलाव तालाब व हमीर सागर तालाब में जो गन्दे नाले आ रहे हैं, उन सभी नालों को आपस में जोडते हुए इन गन्दे नालों के पानी को साफ करने के लिये अलग-अलग एसटीपी एवं वेस्ट वाटर ट्रीटमेन्ट प्लांट लगाये जाने के लिए डीपीआर तैयार कराने के लिये गुन्दोलाव तालाब के लिए 27.49 लाख एवं हमीर सागर तालाब के लिए 22.51 लाख की राशि के कार्यादेश 18 जुलाई, 2024 को जारी किए जा चुके हैं। कार्यादेश का विवरण उन्होंने सदन के पटल पर रखा।