लम्पी स्किन डिजीज की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए अंतर विभागीय समीक्षा बैठक आयोजित  

लम्पी स्किन डिजीज की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए अंतर विभागीय समीक्षा बैठक आयोजित  

जयपुर। पशुपालन विभाग के शासन सचिव कृष्ण कुणाल ने कहा कि गत वर्ष प्रदेश में लम्पी की वजह से गोवंश के मृत्यु के मामले सामने आये थे।  परन्तु रोग के रोकथाम एवं नियंत्रण के प्रभावी प्रयासों की वजह से समय पर रोग निदान किया जा सका,  राज्य सरकार के उक्त प्रयासों की  केंद्र स्तर पर सर्वोच्च न्यायालय में लम्पी के मामले में पीआईएल की सुनवाई के दौरान भी सराहना की गयी। उन्होंने कहा कि इसी तर्ज पर व्यापक प्रचार प्रसार के साथ पशुओं में शत प्रतिशत  टीकाकरण, समुचित  खान-पान एवं दवाइयों की व्यवस्था कर रोग निदान की कार्यवाही शीघ्र ही सुनिश्चित की जाये।

पशुपालन विभाग के शासन सचिव कृष्ण कुणाल शुक्रवार को सचिवालय में  "लम्पी स्किन डिजीज" की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए अंतर विभागीय बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। इस  मौके पर शासन सचिव ने गत वर्ष लम्पी की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए राज्य में हुए प्रयासों की जानकारी लेते हुए विभागीय अधिकारीयों को निर्देशित करते हुए कहा कि लम्पी  बीमारी के लिए किया जाने वाला  टीकाकरण अतिशीघ्र शुरुआत करें। उन्होंने कहा कि गत  वर्ष की तर्ज पर प्रभावित ज़िलों में अन्य विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर  नियमनुसार कार्यवाही  सुनिश्चित की जाये।

-व्यापक प्रचार-प्रसार के साथ पशुपालकों को करेंगे  जागरूक


- महंगाई  राहत कैम्प में मिलेगी लम्पी रोकथाम व नियंत्रण की जानकारी

श्री कुणाल ने कहा कि पशुपालकों को बीमारी के रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए किया जाने वाले प्रयासों से व्यापक प्रचार प्रसार के साथ जागरूक किया जाएगा ताकि रोग की रोकथाम पशुपालक स्वयं करने में भी समर्थ हो। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा लगाए जा रहे महंगाई राहत कैम्प में प्रतिदिन बड़ी संख्या में पशुपालक महंगाई से राहत के लिए पहुंच रहे है, ऐसे में इन कैम्पों में भी पशुपालकों को लम्पी  स्किन डिजीज की रोकथाम की जानकारी दी जाए।

- दुग्ध उत्पादक संघों के माध्यम से पशुपालकों तक पहुचायेंगे जागरूकता

शासन सचिव ने आरसीडीएफ की प्रबंधक श्रीमती सुषमा अरोड़ा को निर्देशित करते हुए कहा कि दुग्ध उत्पादक संघों के माध्यम से पशुपालकों को रोग के प्रति जागरूक करें एवं  पशुपालकों को  तक सन्देश पहुचाये की साफ़ सफाई का विशेष ध्यान रखा जाये, ताकि रोग एक पशु से दुसरे पशु में न फैले। उन्होंने कहा कि यह रोग पशुओं से मनुष्य में नहीं फैलता परन्तु एक पशु  से अन्य पशु में फैलता है।  इसीलिए साफ़ सफाई के समस्त इंतजाम किये जाएं।

-टीकाकरण, दवाइयां एवं आयुर्वेदिक के उपयोग से रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत करने का करेंगे प्रयास

इस मौके पर उन्होंने मौजूदा विभिन्न विभागीय अधिकारियों को  निर्देशित  करते हुए कहा कि शत-प्रतिशत टीकाकरण एवं दवाइयों के आयुर्वेदिक दवाइयों एवं घरेलू उपचारों से पशुपालकों को अवगत कराया जाए, ताकि पशुओं में रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत किया जा सके। इस दौरान उन्होंने आयुर्वेदिक विभाग के प्रतिनिधियों से आयुर्वेदिक उपचार की भी जानकारी प्राप्त की।

-राज्य में नियंत्रण कक्ष स्थापित

लम्पि स्किन डिजीज" की रोकथाम, नियंत्रण एवं समबन्धित कार्यों के लिए राज्य स्तर एवं समस्त ज़िलों में नियंत्रण कक्षों  की स्थापना की गयी है। पशुपालन निदेशालय  स्तर पर दूरभाष नंबर 0141-2743089 पर प्रातः 9:30 बजे से सांय 6:00 बजे तक सम्पर्क किया जा सकेगा। कार्यालय समय के पश्चात् एवं अवकाश के दौरान डॉ. रामगोपाल उज्जवल के मोबाइल नंबर 9828378549 पर सम्पर्क किया जा सकेगा।

बैठक में पशुपालन विभाग के निदेशक डॉ. भवानी सिंह राठौड़, आरसीडीएफ की प्रबंध संचालक सुषमा अरोड़ा, गोपालन विभाग अतिरिक्त निदेशक चांदमल वर्मा, सहित गृह, पंचायती राज, स्वास्थ्य, आयुष एवं रेवेन्यू विभाग के प्रतिनिधि अधिकारी मौजूद रहे।