आहूस (डेनमार्क) एवं राजस्थान सरकार के बीच हुआ एमओयू, कुशल पेयजल प्रबंधन की दिशा में स्थापित होंगे नए आयाम: जलदाय मंत्री

आहूस (डेनमार्क) एवं राजस्थान सरकार के बीच हुआ एमओयू, कुशल पेयजल प्रबंधन की दिशा में स्थापित होंगे नए आयाम: जलदाय मंत्री

जयपुर। जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री डॉ. महेश जोशी ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में पेयजल के कुशल प्रबंधन के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है। विभिन्न योजनाओं के माध्यम से शहरी क्षेत्रों में जल स्त्रोतों के विकास, पेयजल वितरण व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण तथा पेयजल छीजत कम करने की दिशा में कार्य किये जा रहे हैं। राज्य में पेयजल प्रबंधन के क्षेत्र में नये आयाम स्थापित हुए हैं।

डॉ. जोशी शुक्रवार को सचिवालय के कॉन्फ्रेंस हॉल में शहरी जल प्रबंधन के लिए आहूस, डेनमार्क एवं राजस्थान सरकार के बीच हुए एमओयू के बाद संबोधित कर रहे थे।  उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत के कुशल नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा प्रदेश की जनता को शुद्ध एवं स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने का कार्य प्राथमिकता से किया जा रहा है। उनकी दूरदर्शी सोच एवं मार्गदर्शन से डेनमार्क एवं राजस्थान के बीच विभिन्न क्षेत्रों में आपसी सहयोग की मार्च, 2021 में पहल की गई थी।

डॉ. जोशी ने कहा कि राजस्थान एवं डेनमार्क के बीच आपसी सहयोग की कड़ी को आगे बढ़ाते हुए आज इस एमओयू पर हस्ताक्षर किये गए हैं। उन्होंने कहा कि शहरी पेयजल क्षेत्र में सेवाओं एवं गुणवत्ता में सुधार, वितरण तंत्र की दक्षता में वृद्धि से गैर-राजस्व जल (छीजत) में कमी, जल स्त्रोतों का समन्वित प्रबंधन तथा भूजल एक्विफर मैपिंग, अपशिष्ट जल प्रबंधन की योजना एवं पुनर्चक्रण, नदियों के कायाकल्प के लिए हरित समाधान आदि क्षेत्रों में राजस्थान एवं डेनमार्क मिलकर कार्य करेंगे।

जलदाय मंत्री ने पानी के सदुपयोग एवं जल संरक्षण पर जोर देते हुए कहा कि डेनमार्क में पानी की छीजत शून्य है और वहां पानी का पूरा इस्तेमाल होता है। अलग-अलग तरीकों से पानी बचाने की उनकी तकनीक, पेयजल, अपशिष्ट जल प्रबंधन एवं पुनर्चक्रण, नदियों के कायाकल्प आदि में आपसी सहयोग से राजस्थान को इसका लाभ होगा।

अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल ने कहा कि केन्द्र सरकार के जल शक्ति मंत्रालय सहित विभिन्न स्तरों पर मंजूरी एवं प्रक्रियाएं पूरी करने के बाद यह एमओयू हुआ है। इससे पेयजल प्रबंधन में स्मार्ट वाटर तकनीक, गैर राजस्व जल (छीजत) में कमी लाने, अपशिष्ट जल के ट्रीटमेंट एवं रिसाइकल के साथ ही नदियों के पुनरूद्धार में डेनमार्क का तकनीकी सहयोग मिलेगा। इस एमओयू के बाद जोधपुर, कोटा एवं जयपुर जैसे बड़े जिलों में कुशल जल प्रबंधन के क्षेत्र में आहूस एवं राजस्थान के बीच सहयोग बढ़ाया जायेगा।

डेनमार्क के राजदूत फ्रेडी स्वान ने कहा कि डेनमार्क एवं भारत के बीच स्ट्रेटजिक पार्टनरशिप है। उन्होंने वर्ष 2021 में शुरु हुए इस आपसी सहयोग के लिए मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत को धन्यवाद दिया। उन्होंने उम्मीद जताई कि आगे भी सकारात्मक भागीदारी जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि राजस्थान के साथ लम्बे समय तक आपसी सहयोग की दिशा में सकारात्मक प्रयास किए जाएंगे।

कार्यक्रम में आहूस, डेनमार्क से वीसी के माध्यम से जुड़ी आहूस की डायरेक्टर प्लानिंग लुइसे पेपे ने कहा कि शहरी पानी के कुशल प्रबंधन में डेनमार्क एवं राजस्थान आपसी सहयोग करेंगे।

एमओयू पर राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त मुख्य सचिव पीएचईडी एवं जल संसाधन डॉ. सुबोध अग्रवाल ने हस्ताक्षर किए जबकि आहूस (डेनमार्क) की ओर से डायरेक्टर प्लानिंग लुइसे पेपे के डिजिटल हस्ताक्षर हुए।

कार्यक्रम में एमडी, जल जीवन मिशन श्री अविचल चतुर्वेदी, मुख्य अभियंता जेजेएम श्री आर. के. मीणा, मुख्य अभियंता स्पेशल प्रोजेक्ट श्री दिनेश गोयल, मुख्य अभियंता (शहरी) श्री के डी गुप्ता, मुख्य अभियंता जल संसाधन श्री भुवन भास्कर एवं पीएचईडी के अन्य अधिकारी उपस्थित थे। 

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