"हमारा मंत्र है- गाँव चले, देश चले, जब गाँव सशक्त होगा, तभी देश सशक्त होगा

"हमारा मंत्र है- गाँव चले, देश चले, जब गाँव सशक्त होगा, तभी देश सशक्त होगा

पंचायत एवं ग्रामीण विकास एवं श्रम विभाग के मंत्री प्रहलाद पटेल ने विधानसभा सत्र में दिया संबोधन

भोपाल, पंचायत एवं ग्रामीण विकास एवं श्रम विभाग के मंत्री प्रहलाद पटेल ने विधानसभा सत्र में कहा कि प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में ग्रामीण विकास को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता मानती है। श्रद्धेय अटल जी के ग्रामीण विकास के विचारों में गांव, गरीब और किसान केंद्र में थे, उन्होंने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) जैसी बुनियादी ढांचागत पहल, पंचायत सशक्तिकरण और स्थानीय संसाधनों के उपयोग पर जोर दिया, ताकि ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत हो, रोजगार बढ़े और शहरों की ओर पलायन रुके। साथ ही उन्होंने विकास के लिए एक समग्र, समुदाय-केंद्रित और पर्यावरण-अनुकूल दृष्टिकोण अपनाने पर जोर दिया था। मध्‍यप्रदेश में इसी दिशा में कार्य किया जा रहा है। मंत्री पटेल आज विधानसभा के विशेष सत्र को संबोधित कर रहे थे।

"आत्मनिर्भर पंचायत एवं समृद्ध मध्यप्रदेश" विषय पर केंद्रित तीन दिवसीय कान्‍फ्रेंस आयोजित की

पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मंत्री पटेल ने अपने उद्बोधन में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने कहा है कि "हमारा मंत्र है- 'गाँव चले, देश चले'। जब गाँव सशक्त होगा, तभी देश सशक्त होगा।" यह गाँव के सशक्तिकरण और राष्ट्र के विकास के बीच सीधा संबंध स्थापित करता है। इसी विचार के दृष्टिगत मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की प्रेरणा से हमने पंचायत राज व्यवस्था अंतर्गत निर्वाचित जनप्रतिनिधियों से सीधे संवाद को वरीयता दी है। इसीक्रम में "आत्मनिर्भर पंचायत एवं समृद्ध मध्य प्रदेश" विषय को केंद्रित कर हमने विगत वर्ष 23, 24 एवं 25 जुलाई, 2024 को तीन दिवसीय कांफ्रेंस का आयोजन किया था। कॉन्फ्रेंस में भोपाल में सभी जिला पंचायतों के माननीय अध्यक्ष,उपाध्यक्ष सभी जनपदों के माननीय अध्यक्ष, उपाध्यक्ष तथा सभी जिला पंचायत सदस्यों के साथ-साथ शहरों से लगी हुई चिन्हित ग्राम पंचायतों के सरपंच गणों एवं सभी जिला पंचायत एवं जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों के साथ तीन दिवसीय कांफ्रेंस आयोजित कर उनके अनुभवों तथा समस्याओं पर विस्तार से चर्चा की थी। इस वर्ष भी हमने 24, 25 एवं 26 नवंबर, 2025 को पुनः यह कॉन्फ्रेंस आयोजित कर चर्चा की है। इस बार की कॉन्फ्रेंस में हमने सरपंच,सचिव तथा ग्राम रोजगार सहायकों के संगठनों के पदाधिकारियों को भी तीनों दिन आमंत्रित किया था। चर्चा में उभर कर आए महत्वपूर्ण सुझावों के क्रियान्वयन हेतु हम आवश्यक कार्रवाई कर रहे हैं। जिलों में जाकर पंच सरपंच सम्मेलन आयोजित कर सरपंच एवं पंचगणों से भी सीधे संवाद किया जा रहा है।

अनुसूचित जनजाति परिवारों को रोजगार देने में मध्य प्रदेश देश में पहले स्थान पर

पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मंत्री पटेल ने कहा कि हमारी सरकार पंचायत राज व्यवस्था को और सुदृढ़ बनाने के लिए कृत संकल्पित है। विगत दो वर्षों के कार्यकाल में ग्रामीण विकास के क्षेत्र में किए गए कुछ कार्यों का उल्लेख भी किया है। जिसमें :-

सभी ग्राम पंचायतों के पास अपना व्यवस्थित कार्यालय भवन हो। इस हेतु अभी तक हमने 2472 अटल ग्राम सेवा सदन (ग्राम पंचायत भवन) के निर्माण हेतु रुपए 922.20 करोड़ की स्वीकृति प्रदान की है।

जनपद पंचायत के कार्यालय को भी बेहतर स्वरूप देने के लिए हमने अभी तक 106 अटल सुशासन भवन (जनपद पंचायत भवन) के निर्माण हेतु रुपए 557.08 करोड़ की स्वीकृति प्रदान की है।

पांच जिला पंचायतों के भवन निर्माण हेतु भी हमने रुपए 49.98 करोड़ की स्वीकृति प्रदान की है।

गांव की सामुदायिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए हमने 3755 सामुदायिक भवनों के निर्माण

माँ नर्मदा हमारे प्रदेश को जीवन प्रदान करने वाली नदी है। हजारों की संख्या में श्रद्धालु इनकी परिक्रमा करते हैं। परिक्रमा मार्ग को सुगम बनाने के उद्देश्य से हमने परिक्रमा पथ पर 19 आश्रय स्थल बनाने के लिए रुपए 10.34 करोड़ की स्वीकृति प्रदान की है।

परिक्रमा पथ में 231 आश्रय स्थल बनाने की योजना है जिनके लिए स्थान चिन्हित किया जाकर पौधरोपण कार्य हेतु फेंसिंग के लिए हमने रुपए 7.46 करोड़ की स्वीकृति प्रदान की है।

मंत्री पटेल ने कहा कि मध्य प्रदेश नदियों का मायका कहा जाता है। मैंने अभी तक 106 नदियों के उद्गम स्थल पर जाकर स्थानीय जन समुदाय से संवाद कर उद्गम स्थलों को संरक्षित करने के उद्देश्य से चर्चा की है तथा 89 उदगमों पर पौधरोपण कार्य हेतु फेंसिंग के लिए भी राशि स्वीकृत की है।

प्रदेश में तामिया एवं भीमबेटका जैसे पूरा ऐतिहासिक पर्यटन क्षेत्र स्थित है इनके विकास हेतु हमने मध्य प्रदेश पर्यटन विकास निगम को 2 करोड़ की राशि स्वीकृत की है।

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना फेस 1, 2 और 3 के अंतर्गत 913 किलोमीटर लंबी सड़कों का निर्माण तथा 305 पुलों का निर्माण किया गयाहै।

आरसीपीएलब्ल्यूईए (Road Connectivity Project for Left Wing Extremism Affected Areas) अंतर्गत 107 किलोमीटर लंबाई की सड़क एवं 18 पुलों का निर्माण किया गया है।

पीएम जनमन के अंतर्गत भी 236 किलोमीटर लंबाई की सड़कें बनाई गई है।

हम मुख्यमंत्री मजरा टोला योजना लाए हैं जिसके अंतर्गत अभी तक 20600 बसाहटों को चिन्हित किया जा चुका है।

हम क्षतिग्रस्त पुलपुनर्निर्माण योजना भी लाए हैं जिसके अंतर्गत अभी तक 1766 संरचनाओं का चयन किया जा चुका है।

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के चौथे फेज के लिए भी 10602 बसाहटों को चिन्हित किया जा चुका है। जिनके लिए 1849 किलोमीटर की सड़कों की स्वीकृति प्रक्रियाधीन है।

मनरेगा योजना अंतर्गत 15 करोड़ लक्ष्य के विरुद्ध 14.04 करोड़ मानव दिवस अभी तक सृजित किए गए हैं। विगत वर्ष 18.5 करोड़ मानव दिवस सृजित किए गए थे।

अनुसूचित जनजाति परिवारों को रोजगार देने में मध्य प्रदेश देश में पहले स्थान पर है।

कैच द रेन अभियान अंतर्गत प्रदेश के खंडवा जिले को देश में प्रथम पुरस्कार प्राप्त हुआ है।

प्रदेश के खरगोन जिले को नेशनल वाटर अवार्ड 2024 का प्रथम पुरस्कार प्राप्त हुआ है।

एक बगिया मां के नाम परियोजना अंतर्गत 31,142 परियोजनाएं 750 करोड रुपए की लागत से स्वीकृत की गई हैं।

प्रदेश द्वारा जल गंगा संवर्धन अभियान 2025 के अंतर्गत 3000 करोड रुपए के कार्य लिए गए जिनमें खेत तालाब 86360 (2048 करोड़) कूप रिचार्ज 1,05,203 (263 करोड़) अमृत सरोवर 536 (138 करोड़) प्रमुख रूप से सम्मिलित हैं।

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना अंतर्गत 1224 जल संरक्षण संरचनाओं का निर्माण करते हुए 6170 हेक्टेयर में सिंचाई सुविधा का सृजन किया गया है।

67 कृषक सुविधा सह कस्टम हायरिंग सेंटर बनाए जा रहे हैं, जिनका संचालन किसान प्रोड्यूसर संगठनों (FPO) द्वारा किया जाएगा।

प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना अंतर्गत 2024- 25 में 44.22 लाखों एवं 2025- 26 में अक्टूबर तक 37.23 लाख विद्यार्थी लाभान्वित हुए। AMS पोर्टल अनुसार इनका प्रतिशत क्रमशः 81.93% एवं 97.98% रहा है।

राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन अंतर्गत 29318 स्व सहायता समूह 7303 ग्राम संगठन एवं 53 क्लस्टर लेवल फेडरेशन का गठन किया गया है।

54660 सोसाइटी समूहों को 109.22 करोड रुपए का रिवाल्विंग फंड प्रदान किया गया।

लखपति दीदी के रूप में 11 लाख 27 हजार 37 परिवार पिछले 2 वर्षों में उभर कर आए हैं।

135 फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशंस का टर्नओवर रुपए 1608 करोड़ हुआ है, इसमें 306 करोड रुपए की बढ़ोतरी हुई है।

प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के अंतर्गत लक्ष्य 11.97 लाख के विरुद्ध 11.46 लाख आवास स्वीकृत कर प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है।

पीएम जनमन अंतर्गत भी लक्ष्य 1.85 लाख के विरुद्ध 1.84 लाख आवास स्वीकृत करते हुए 1.29 लाख आवास पूर्ण कर प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है।

स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत खुले में शौच मुक्ति को स्थायित्व प्रदान करने हेतु 2,87,279 पारिवारिक व्यक्तिगत शौचालय तथा 1417 सामुदायिक स्वच्छता परिसरों का निर्माण किया गया है।

प्रदेश के 16056 ग्राम ठोस अपशिष्ट प्रबंधित (SWM) घोषित किए गए हैं।

प्रदेश के 4318 ग्राम तरल अपशिष्ट प्रबंधित (LWM) घोषित किए गए हैं।

21,186 ग्रामों को ओडीएफ प्लस मॉडल घोषित किया गया है।

गोवर्धन योजना अंतर्गत अभी तक 73 बायोगैस संयंत्रों का निर्माण किया गया है।

विभाग द्वारा किए गए नवाचार

सभी ग्राम पंचायतो में CSC ई-गवर्नेंस सर्विस इंडिया लिमिटेड के माध्यम से गैर वित्तीय आधार पर अटल ई-सेवा केन्द्रों का संचालन। 30 नवम्बर तक 1084 पंचायतों में अटल ई-सेवा केंद्र प्रारंभ हो चुके है।

मुख्यमंत्री वृन्दावन ग्राम योजना 2025 प्रकाशित हो चुकी है। ग्रामों के चयन की गतिविधियां अंतिम चरण में है।

श्मशान घाटों का सुव्यवस्थित विकास 5वां राज्य वित्त आयोग की अनुदान राशि से किया जाना एवं इस हेतु इस वित्तीय वर्ष की द्वितीय किश्त जारी।

पंचायत दर्पण पोर्टल का प्रदेश की सभी विद्युत कम्पनियों से इंटीग्रेशन पूर्ण।

पंचायत दर्पण पोर्टल में ट्री कटिंग की अनुमतियां प्रदाय प्रारंभ।

पंचायत दर्पण पोर्टल पर पंचायत की परिसम्पत्तियो की मैपिंग प्रारंभ।

पंचायतो में टैक्स एवं बिलिंग कलेक्शन की ऑनलाइन व्यवस्था प्रारंभ की जा रहीहै।

एमपीएसईडीसी द्वारा सम्पर्कता सर्वेक्षण मोबाइल एप्लिकेशन के माध्‍यम से सम्‍पर्क विहीन बसाहटों का चिन्‍हांकन।

6000वर्गमीटर क्षेत्रफल में कम से कम 20आवास (100+ आबादी)

ग्राम रोजगार सहायक (जीआरएस) द्वारा 53,000 बसाहटों का सर्वेक्षण, 20,600 पात्र बसाहटें चिन्‍हांकित

23,011 ग्राम पंचायतों की वार्षिक कार्ययोजना तैयार करने हेतु प्लान रसॉफ्टवेयर विकसित किया गया है।

सड़कों की कार्ययोजना तैयार करने SIPRI सॉफ्टवेयर में RIMS module जोड़ा गया।

जलगंगा संवर्धन अभियान तथा एक बगिया माँ के नाम परियोजना की सतत मानिटरींग हेतु AI आधारित डैशबोर्ड विकसित किया गया।

एक बगिया माँ के नाम परियोजना के कार्यों की भौतिक निगरानी ड्रोन का उपयोग किया जाएगा।

GIS आधारित कार्यों के चयन, ऑनलाइन स्वीकृतियां जारी करने एवं रियल टाइम मॉनिटरिंग के लिए “Work Management System” (WMS) सॉफ्टवेयर को विकसित कर लागू किया गया।

प्रदेश के शाजापुर जिले के गुलाना अंतर्गत सांदीपनी शाला में SHG को मेकेनाईज्‍ड किचिन शेड का प्रशिक्षण दिया जा कर किचिन शेड का संचालन किया जा रहा है।

सामाजिक अंकेक्षण हेतु एमपीएसईडीसी द्वारा तैयार एप के माध्‍यम से ऑनलाइन निरीक्षण कर ऑनलाइन फीडिंग का नवाचार किया जा रहा है।

रूरल कंसल्टेंसी सेंटर – SHG एवं अन्यग्रामीणों को आजीविका के संबंध में हैंडहोल्डिंगसपोर्टहेतु 37 केंद्रस्‍थापित।

आजीविका पुस्तकालय - ग्रामीण क्षेत्र केबच्चे, युवाओं एवं समूह सदस्यों को विभिन्न शिक्षासामग्री उपलब्ध कराने एवं प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी हेतु 72 आजीविका पुस्तकालयआरंभ।

विकेंद्रीकृत कौशलप्रशिक्षण -आदिवासी बाहुल्य /नक्सल प्रभावित जिलों मेंविशेषकर जनजाति समूहों की परंपरागत कला और ज्ञान को संरक्षित, प्रोत्साहित, औरव्यवसायिक बनाने के उद्देश्य से कार्यक्रम प्रारंभ।

LIC के सहयोग से 1,258 SHG को बीमा सखी के रूप में ऑनबोर्ड किया गया |

IT इंटरवेंशन :

CLF की बैठक का रियल टाइम मॉनिटरिंग MPSEDC केसार्थक ऐपके द्वारा प्रारंभ।

SHG से जुड़ी प्रशिक्षण गतिविधि LMS लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम के प्लेटफॉर्म परप्रारंभ।

नॉन फार्म वर्टिकल केअंतर्गत 10 लाखमाइक्रो एंटरप्राइजेज के रियल टाइम डेटाकैप्चर हेतु MPSEDC केजियोपोर्टलका उपयोगप्रारंभ।

पर्यावरण एवं जलवायु अनुकूल आवास निर्माण को प्रोत्‍साहित करने/परंपरागत स्‍थानीय निर्माण सामग्री एवं कौशल हेतु 07 प्रशिक्षण केंद्रों पर Compressed Stabilized Earthen Blocks (CSEB) ब्‍लाक निर्माण की मशीनें लगाई जाकर राजमिस्त्रियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है।

53 RSETI (Rural Self Employment Training Institutes.)केन्‍द्रो पर लगभग 7950 राजमिस्त्रियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

प्रदेश के विभिन्‍न भौगोलिक क्षेत्रो में प्रचलित ग्रामीण आवास–निर्माण की टाइपोलाजी का अध्‍ययन एवं दस्‍तावेजीकरण के लिये School of planning and Architecture Bhopalके समन्‍वय से कार्य प्रारंभ।

418 interns द्वारा समस्‍त जिलों में 6000 से अधिक आवास टाइपोलाजी का दस्‍तावेजीकरण कार्य किया गया।

स्वच्छता साथी Wash on Wheels सेवा

ग्रामीण विकास विभाग मंत्री पटेल ने बताया कि ODF के निरंतरता के लिए मोबाइल ऐप द्वारा ऑनलाइन बुकिंग सेवा जिसके अंतर्गत घरेलू एवं संस्थागत शौचालयों की आधुनिक मशीनों एवं उपकरणों के माध्यम से साफ़-सफ़ाई की जा रही है।

प्रशिक्षित स्वच्छता साथियों के द्वारा दो-पहिया वाहन के माध्यम से त्वरितसाफ़-सफ़ाई की जा रही है।

सम्मानजनक रोजगार के अवसर उपलब्ध कराये जाने हेतु पूर्णत: व्यावसायिक मॉडलतैयार किया गया है।

वर्तमान में प्रगति:

37,499 ग्राम मैप।

1,577 क्लस्टरनिर्माण पूर्ण।

1,484 स्वच्छता साथी का पोर्टल पर पंजीकरण पूर्ण ।

ऑनलाइनमाध्यमसेप्राप्त 2000+ मांगोंमेंसे 1500+ मांगों में सेवा प्रदाय पूर्ण शालाओं के पाठ्यक्र्म मे स्वच्छता पर आधारित विषय को जोड़ा गया ।

शालाओं के पाठ्यक्र्म मे ठोस कचरा एवं उनके प्रबंधन पर रोचक अभ्यास सामग्री को शामिल किए जाने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग से कक्षा 1, 2, 3 के लिए स्वीकृति प्राप्त।

कक्षा1- पानी का खेल - यह कक्षा 1 का खेल-आधारित शिक्षण मॉड्यूल है जो पानी के महत्व और जल-संरक्षण की समझ विकसित करने पर केन्द्रित है।

कक्षा1- सफाई की सीख -यह मॉड्यूल छोटे बच्चों को हाथ-धोना, व्यक्तिगत स्वच्छता और साफ-सफाई के व्यवहार सिखाने पर आधारित है।

कक्षा2 सफाई की सीख- यहकक्षा 2 कामॉड्यूल है जो बच्चों को स्वच्छता, कचरापृथक्करण और स्वास्थ्य-संबंधी अच्छे आचरण सिखाने पर आधारितहै।

कक्षा3 - सोनू और गीता का सबक -यह कक्षा 3 के लिए शैक्षिक मॉड्यूल है जो बच्चों में व्यक्तिगत स्वच्छता, स्वास्थ्य और साफ़-सफाई संबंधी आदतों को प्रोत्साहित करने पर आधारित है।

ग्रामीण विकास विभाग की आगामी 03 वर्षों की कार्य योजना 

पंचायतराज :
भवन विहीन ग्राम पंचायतों, जनपद पंचायतों एवं जिला पंचायतों में सर्वसुविधायुक्‍त नवीन कार्यालय भवन की उपलब्‍धता सुनिश्चित करना।
नर्मदा परिक्रमा पथ पर चयनित स्‍थलों पर 20 से 25 कि.मी की पारस्‍परिक दूरी पर नर्मदा परिक्रमा करने वाले श्रध्‍दालुओं के लिये सर्वसुविधायुक्‍त आश्रय स्‍थल/यात्री प्रतीक्षालय का निर्माण।
सभी पंचायत भवनों में अटल ई-सेवा केन्द्रों का संचालन सुनिश्चित किया जायेगा।
पंचायत सचिवो एवं अन्य विभागीय रिक्त पदों पर भर्ती सुनिश्चित की जाएगी।
आत्म निर्भर पंचायत की दिशा में स्वयं के आय के स्त्रोत बढ़ाने हेतु नियमो का युक्तियुक्तकरण किया जायेगा।
मुख्यमंत्री वृन्दावन ग्राम योजना के तहत चयनित प्रत्येक ग्राम को मॉडल ग्राम के रूप में विकसित किया जायेगा।
प्रदेश के समस्त ग्रामीण क्षेत्र के श्मशान घाटों का सुव्यवस्थित विकास एवं निर्बाध पहुंच मार्ग सुनिश्चित किया जाना
अर्ध शहरी एवं बड़ी ग्राम पंचायतो के व्यवस्थित्त विकास हेतु मध्य प्रदेश ग्राम पंचायत (कॉलोनी विकास) नियमों का युक्तियुक्तकरण करते हुए व्यवस्थित विकास कराया जायेगा|
ग्रामीण क्षेत्रो में कॉलोनियो के रजिस्ट्रेशन एवं विकास इत्यादि की अनुमति केंद्रीकृत ऑनलाइन व्यवस्था तथा EWS हितग्राहियों संबंधी समस्त जानकारियों का पंचायत दर्पण पोर्टल पर प्रदर्शन|
पंचायत दर्पण पोर्टल के माध्यम से पंचायतो का वित्तीय प्रबंधन सुनिश्चित करना|
पंचायत दर्पण पोर्टल को वस्तु एवं सेवा कर (GST) के पोर्टल से इन्टीग्रेट कर अनिवार्य TDS कटोत्रा सुनिश्चित करना|
पंचायतो की सशक्त करने के दृष्टिकोण से तकनीकी एवं प्रशासनिक स्वीकृतियां ऑनलाइन जारी किया जाना |
मानव संसाधन के बेहतर एवं प्रभावी प्रबंधन हेतु HRMS पोर्टल का प्रभावी उपयोग।