सुशासन की दिशा में मील का पत्थर साबित हो रहे समस्या समाधान शिविर

सुशासन की दिशा में मील का पत्थर साबित हो रहे समस्या समाधान शिविर

जयपुर जिले के सांभरलेक में सुलझा 47 वर्ष पुराना भूमि विवाद

मौके पर ही बनी 46 वारिसों के बीच सहमति, चेहरों पर खिली मुस्कान

जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देशों की अनुपालना में जयपुर जिले में शहरी समस्या समाधान शिविर एवं ग्रामीण समस्या समाधान शिविरों का निरंतर आयोजन किया जा रहा है। जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी द्वारा इन शिविरों की नियमित मॉनिटरिंग की जा रही है। इसी का परिणाम है कि ये शिविर अब न केवल सुशासन की दिशा में मील का पत्थर साबित हो रहे हैं, बल्कि आमजन, विशेषकर ग्रामीणों के लिए राहत का सशक्त माध्यम भी बनते जा रहे हैं।

समस्या समाधान शिविर किस प्रकार आमजन के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला रहे हैं, इसकी बानगी गुरुवार को जयपुर जिले की सांभर लेक पंचायत समिति की ग्राम पंचायत बरड़ोती में देखने को मिली। यहां आयोजित ग्रामीण समस्या समाधान शिविर में 47 वर्ष से लंबित भूमि स्वामित्व विवाद का सफलतापूर्वक समाधान किया गया, जिससे पीड़ित परिवारों को बड़ी राहत मिली।

उपखंड अधिकारी ऋषिराज कपिल ने बताया कि यह प्रकरण वर्ष 1978 से लंबित था। संबंधित खातेदार के निधन के पश्चात भूमि के नामांतरण एवं बंटवारे को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं हो सकी, जिसके चलते यह विवाद चार पीढ़ियों तक चला। मृतक के कुल 46 वारिस थे, जिन्हें कानूनी स्वामित्व के अभाव में वर्षों से विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था।

शिविर में सभी 46 वारिसों को आमंत्रित कर उनके दस्तावेजों की गहन जांच की गई। प्रशासनिक अधिकारियों एवं राजस्व कर्मियों की उपस्थिति में सभी पक्षकारों की आपसी सहमति से भूमि का विधिवत बंटवारा किया गया। साथ ही, लंबे समय से लंबित फोती नामांतरण प्रकरणों का निस्तारण कर प्रत्येक वारिस को उसका वैधानिक अधिकार प्रदान किया गया।

उपखंड अधिकारी  ने बताया कि सरकार की मंशा है कि ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान उनके गांव में ही, सरल, पारदर्शी एवं समयबद्ध प्रक्रिया के माध्यम से किया जाए। उन्होंने कहा कि समस्या समाधान शिविरों के माध्यम से वर्षों पुराने मामलों का त्वरित निपटारा कर आमजन को न्याय दिलाया जा रहा है।

शिविर में उपस्थित ग्रामीणों एवं वारिसों ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का आभार व्यक्त करते हुए राजस्थान सरकार की इस जनकल्याणकारी पहल की सराहना की। वारिसों ने बताया कि दशकों पुरानी समस्या का एक ही दिन में समाधान हो जाना उनके लिए बड़ी राहत है। भूमि पर स्वामित्व मिलने से अब वे विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ भी प्राप्त कर सकेंगे।

ग्राम पंचायत बरड़ोती में आयोजित यह शिविर सुशासन, संवेदनशील प्रशासन एवं त्वरित न्याय का सशक्त उदाहरण साबित हुआ। शिविर के दौरान अन्य कई प्रकरणों का भी समाधान किया गया तथा ग्रामीणों को विभिन्न सरकारी योजनाओं की जानकारी प्रदान की गई।

 19 दिसंबर 2025 को यहा आयोजित होगे शिविर

शुक्रवार को जयपुर जिले के विभिन्न उपखंडों में ग्रामीण समस्या समाधान शिविरों का आयोजन किया जाएगा। ये शिविर जमवारामगढ़ के नीमला एवं नायला, जोबनेर के कालख, किशनगढ़ रेनवाल के बाधावास, दूदू के रहलाना, आमेर के बगवाड़ा, सांगानेर के कलवाड़ा, चाकसू के निमोडिया एवं गरुड़वासी, मोजमाबाद के सेवा, जयपुर के मुण्डियारामसर, रामपुरा डाबड़ी के खोरीबीसल, फागी के मण्डोर, बस्सी के सांभरिया, सांभरलेक के सिनोदिया, शाहपुरा के रामपुरा एवं शाहपुरा, माधोराजपुरा के चित्तौड़ा तथा चोमूं के सामोद एवं नांगल भरड़ा में आयोजित किए जाएंगे।