सीएम गहलोत के खिलाफ सचिन पायलट करेंगे भूख हड़ताल
जयपुर। प्रदेश में आगामी चुनाव से पहले ही राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। नेताओं में शह और मात का खेल शुरू हो चुका है। प्रदेश की कांग्रेस पार्टी में गहलोत और पायलट का मनमुटाव किसी से छिपा नहीं है, जो एक बार पुनः देखने को मिल सकता है।
अपनी ही सरकार के खिलाफ पायलट ने खोला मोर्चा
राजस्थान में आगामी विधानसभा चुनावों से पहले, पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने रविवार को गहलोत सरकार के खिलाफ एक नया मोर्चा खोल दिया है। दरअसल, राज्य में भाजपा शासन के दौरान कथित भ्रष्टाचार पर कार्रवाई की मांग को लेकर पायलट ने एक दिन के भूख हड़ताल की घोषणा कर दी है।
गहलोत और पायलट के संबंध और बिगड़ने के आसार
इस साल के अंत में राज्य में होने वाले चुनावों को देखते हुए यह घटनाक्रम बेहद महत्वपूर्ण है। हालांकि, इससे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पायलट के बीच पहले से खटास भरे संबंध और बिगड़ने के आसार भी हैं।
वसुंधरा सरकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ नहीं हुई कार्रवाई
पायलट ने अपने आवास पर एक प्रेस कॉन्रेंस में कहा, "पिछली वसुंधरा राजे सरकार द्वारा किए गए भ्रष्टाचार पर गहलोत सरकार द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई। विपक्ष में रहते हुए हमने वादा किया था कि 45,000 करोड़ रुपये के खदान घोटाले की जांच कराई जाएगी।"
जल्द कार्रवाई करनी होगी
पायलट ने कहा, “चुनाव में छह-सात महीने बचे हैं, विरोधी भ्रम फैला सकते हैं कि कुछ मिलीभगत है, इसलिए जल्द कार्रवाई करनी होगी ताकि, कांग्रेस कार्यकर्ताओं को लगे कि हमारी कथनी और करनी में कोई फर्क नहीं है। पायलट ने कहा कि मांग को लेकर दबाव बनाने के लिए वह 11 अप्रैल को शहीद स्मारक पर एक दिन का उपवास रखेंगे।
सरकार बनने के बाद से ही गहलोत और पायलट के बीच अनबन
11 अप्रैल को महात्मा ज्योतिबा फुले की जयंती है, जो सैनी समुदाय से थे। सीएम अशोक गहलोत इसी समुदाय का प्रतिनिधित्व करते हैं। दिसंबर 2018 में राजस्थान में मुख्यमंत्री पद को लेकर कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से ही गहलोत और पायलट के बीच अनबन चल रही है।