राज्य स्तरीय सतत् विकास लक्ष्य क्रियान्वयन एवं निगरानी समिति की बैठक
जयपुर। मुख्य सचिव श्रीमती उषा शर्मा ने कहा कि हमारा प्रयास है कि सतत् विकास लक्ष्यों की पूर्ति में राज्य देश में अव्वल बने। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य गरीबी, भुखमरी, शिक्षा की गुणवत्ता, लैगिंक असमानता, स्वच्छता सहित विभिन्न संकेतकों में राज्य की रैंकिग को ऊपर लाने के लिए कार्ययोजना बनाकर काम किया जाए। उन्होंने प्रत्येक विभाग को अपने विभाग से संबंधित संकेतकों में सुधार लाने का निर्देश दिए।
श्रीमती शर्मा बुधवार को शासन सचिवालय में राज्य स्तरीय सतत् विकास लक्ष्य क्रियान्वयन एवं निगरानी समिति की बैठक की अध्यक्षता कर रही थीं। उन्होंने राज्य में एसडीजी के तहत किये गए कार्यों की प्रगति की समीक्षा की तथा भविष्य की कार्य योजना के बारे में जानकारी ली। मुख्य सचिव ने एसडीजी के तहत राज्य के विजन डॉक्यूमेन्ट- 2030 जारी करने की तैयारियों की भी समीक्षा की। उन्होंने सभी विभागों को विजन डॉक्युमेंट-2030 के ड्राफ्ट की जांच कर फीडबैक, सुझाव और अद्यतन सूचनाओं तथा वर्ष 2030 के लक्ष्यों की जानकारी के साथ 10 मई 2023 तक आयोजना विभाग को भिजवाने के लिए निर्देश दिये।
मुख्य सचिव ने सभी विभागों को अपने अधिकारियों को एसडीजी के संदर्भ में जानकारी देने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने के लिए भी निर्देशित किया। उन्होंने अन्य राज्यों में किये जा रहे नवाचारों एवं कार्यों का अध्ययन करने के लिए राज्य की टीम को उन राज्यों की यात्रा कर समिति के समक्ष रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए भी निर्देश दिए।
इस अवसर पर समिति द्वारा एसडीजी क्रियान्वयन केन्द्र, आर्थिक एवं सांख्यिकी निदेशालय द्वारा तैयार किये गये राजस्थान एसडीजी स्टेट्स रिपोर्ट- 2023 तथा राजस्थान एसडीजी इन्डेक्स 2023 का अनुमोदन भी किया गया।
आयोजना विभाग के संयुक्त सचिव श्री सुशील कुमार कुल्हरी ने एजेण्डा बिन्दुओं के अतिरिक्त एसडीजी में राज्य की रैकिंग तथा विभिन्न संकेतकों के आधार पर जिलों की रेंकिंग के संबंध में प्रस्तुतिकरण के माध्यम से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रदेश में विभिन्न विभागों में एसडीजी लक्ष्यों की गतिविधियों के समन्वय के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किये गये हैं। उन्होंने बताया कि एसडीजी स्टेटस रिपोर्ट 2022 (संस्करण 4.0) स्टेट इंडीकेटर फ्रेमवर्क के आधार पर तैयार की गई है, जबकि वर्ष 2018 , 2020 तथा 2021 की रिपोर्ट्स नेशनल इंडीकेटर फ्रेमवर्क के आधार पर रिलीज की गई थी। श्री कुल्हरी ने बताया कि स्टेट इंडीकेटर फ्रेमवर्क के तहत एसडीजी के 17 लक्ष्यों के 330 संकेतकों को शामिल किया गया है। उन्होंने बताया कि एसडीजी स्कोर में सीकर राज्य में पहले स्थान पर तथा झुन्झुनूं दूसरे स्थान पर रहा है।
बैठक में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, नगरीय विकास एवं आवासन विभाग, जनजाति क्षेत्रिय विकास विभाग, वन विभाग, कृषि, ग्रामीण विकास विभाग, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, शिक्षा विभाग तथा अन्य संबंधित विभागों के उच्च अधिकारियों ने वीसी के माध्यम से भाग लिया।