वाराणसी में जर्नी फिल्म की शूटिंग, अभिनेता नाना पाटेकर ने सेल्फी लेने गए लडके को मारा थप्पड़ 

वाराणसी में जर्नी फिल्म की शूटिंग, अभिनेता नाना पाटेकर ने सेल्फी लेने गए लडके को मारा थप्पड़ 

वाराणसी, फिल्म अभिनेता नाना पाटेकर इन दिनों जर्नी फिल्म की शूटिंग के लिए वाराणसी में हैं। मंगलवार को दशाश्वमेध घाट के पास शूटिंग के दौरान का उनका एक वीडियो वायरल हो रहा है। जिसमें नाना पाटेकर ने एक जोरदार थप्पड़ जड़कर सेल्फी ले रहे फैन को भगा दिया। थप्पड़ मारने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है और लोग तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं भी दे रहे हैं। 

शीतला घाट के पास शूटिंग 

फिल्म अभिनेता नाना पाटेकर अपने कड़े तेवर के लिए जाने जाते हैं। काशी में फिल्म जर्नी की शूटिंग कर रहे अभिनेता का यह रूप दो दिन पहले नजर आया। वे शीतला घाट के पास शूटिंग कर रहे थे।

क्रू मेंबर्स ने उसे पकड़ कर घेरे से बाहर कर दिया

घाट के ऊपरी हिस्से में गलियों के शाट लिए जा रहे थे। इसी बीच सेल्फी लेने के लिए एक किशोर नाना के पास मोबाइल कैमरा आन किए पहुंच गया। अभी सेल्फी के मोड में आ ही रहा थी कि नाना की उस पर नजर पड़ी। उन्होंने उसे जोर का थप्पड़ मारा। इससे किशोर अचकचा गया और क्रू मेंबर्स ने उसे पकड़ कर घेरे से बाहर कर दिया।

थप्पड़ नहीं मारा था, बीच में घुसने पर चपत भर लगाई थी 

इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में कुछ ऐसा ही नजर आ रहा। वायरल वीडियो के संबंध में जब वाराणसी में शूटिंग संयोजन कर रहे डॉ. रतिशंकर त्रिपाठी ने बताया कि नाना पाटेकर ने थप्पड़ नहीं मारा था। बीच में घुसने पर चपत भर लगाई थी और डिस्टर्ब न करने के लिए कहा था।

महापौर ने फिल्म के पहले दृश्य का मुहूर्त फि्लप बजाकर किया

बता दें कि बनारस में फिल्म जर्नी की शूटिंग चल रही है। कुछ दिन पहले अस्सी घाट पर काशी की मस्त मौला जिंदगी की कहानी को समेटे जर्नी फिल्म का मुहूर्त रामधुन के बीच संपन्न हुआ। सूट बूट में पहुंचे सिने अभिनेता नाना पाटेकर ने लाइट, कैमरा, एक्शन... के बाद अभिनय शुरू किया। इस दौरान उनके साथ कलाकार डमरू, झाझ, मंजीरा बजाते दिखाई दिए। इससे पहले महापौर अशोक कुमार तिवारी ने सेट पर ही उनका स्वागत किया। महापौर ने फिल्म के पहले दृश्य का मुहूर्त फि्लप बजाकर किया।

किसी को भी बाउंड्री लाइन तोड़ने का हक नहीं

गदर-2 के बाद जर्नी फिल्म का निर्देशन कर रहे अनिल शर्मा ने शूटिंग के दौरान मीडिया से कहा कि सेंसर बोर्ड के दायरे में नहीं होने के चलते ओटीटी कुछ ज्यादा ही बोल्ड हो गया है। इसे उचित नहीं कहा जा सकता। बेशक यह हमारे हाथ में है कि हम क्या देखें, क्या ना देखें लेकिन इसका यह कतई यह मतलब नहीं है कि दर्शकों को कुछ भी परोसा जाए। किसी को भी बाउंड्री लाइन तोड़ने का हक नहीं है। यह भी सच है कि ओटीटी के कारण कई लोगों को काम मिला है। कई नए कलाकार चमके हैं लेकिन इसे सेंसर बोर्ड के दायरे में लाया जाना चाहिए।

जर्नी की कहानी में थोड़े आंसू और ज्यादा खुशी 

अभिनेता नाना पाटेकर ने कहा कि बनारस की कहानियां खूब सुनी हैं। मगर, पहली बार बनारस के अलमस्त जिंदगी पर बन रही फिल्म में काम करने का मेरा अनुभव बिल्कुल नया है। जर्नी की कहानी में थोड़े आंसू और ज्यादा खुशी है। मैं तो बनारस को महसूस भी कर रहा हूं।

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