गाजीपुर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक तीर से साधे कई निशाने
लखनऊ
महाराज सुहेलदेव के नाम पर डाक टिकट जारी करने शनिवार को गाजीपुर पहुंचे पीएम नरेंद्र मोदी ने एक तीर से कई निशाने साधे। एक तरफ जहां गाजीपुर की धरती से उन्होंने 2019 लोकसभा चुनाव के लिए पूरे पूर्वांचल को साधा, वहीं दूसरी तरफ राजभर और पासी वोटरों को भी पार्टी से जोड़ने की कोशिश करते दिखे। यह इसलिए भी अहम है क्योंकि गठबंधन में शामिल होने के बावजूद सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) के अध्यक्ष और कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर अक्सर यूपी सरकार और बीजेपी पर निशाना साधते रहते हैं। ऐसे में बीजेपी ने एसबीएसपी के वोट बैंक में सेंध लगाने की भी कोशिश की है।
पीएम मोदी ने शनिवार को गाजीपुर में महाराज सुहेलदेव के नाम पर डाक टिकट जारी किया। उन्होंने महाराज सुहेलदेव की तारीफ करते हुए उन्हें मां भारती का सच्चा सपूत बताया। इस दौरान पीएम ने लोकसभा चुनाव से पहले राजभर समाज के लोगों को बीजेपी की तरफ आकर्षित करने के साथ ही इस समाज के अपने नेताओं को मजबूती से उनके सामने पेश करने भी कोशिश की।
उधर, ओमप्रकाश राजभर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस कार्यक्रम का बहिष्कार किया। राजभर ने कहा कि महाराजा सुहेलदेव के नाम से जारी टिकट में राजभर न लिखना उनके समाज के साथ धोखा है। यही नहीं राजभर ने इसके बाद बलिया के मॉडर्न तहसील के मुख्य गेट पर मोदी-योगी के लिए बुद्धि-शुद्धि यज्ञ किया।
योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर पूर्वी यूपी में राजभर समाज के बीच इकलौते प्रतिनिधि के तौर पर खुद को पेश करते रहे हैं। बलिया, गाजीपुर, मऊ, अंडेकरनगर, इलाहाबाद, चंदौली और वाराणसी में करीब 7 से 10 फीसदी राजभर आबादी किसी भी चुनाव का रुख मोड़ने में सक्षम है। यही वजह है कि बीजेपी इस समाज को साधने में जुटी है।
समुदाय के अपने नेताओं को आगे बढ़ाने की तैयारी में बीजेपी
इसके पीछे एक वजह यह भी है कि पार्टी के साथ गठबंधन में होने के बावजूद राजभर यूपी सरकार पर निशाना साधते रहे हैं। पार्टी के कार्यक्रमों का बहिष्कार करते हैं। यही नहीं जब तब वह अकेले चुनाव मैदान में उतरने की चेतावनी भी देते रहे हैं। ऐसे में बीजेपी अब इस समुदाय पर फोकस करते हुए इस समाज के अपने नेताओं जैसे राजभर समाज से आने वाले मंत्री अनिल राजभर और घोसी से एमपी नारायण राजभर को आगे बढ़ाने में जुट गई है। बीजेपी की यह रणनीति इस वर्ष की शुरुआत में भी तब दिखी थी जब पार्टी ने सकलदीप राजभर को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया था। सकलदीप भी बलिया से आते हैं और आरएसएस से जुड़े रहे हैं।
'सिर्फ समाज के नाम पर व्यक्तिगत फायदे की राजनीति'
उधर, यूपी बीजेपी के प्रवक्ता चंद्रमोहन भी ओमप्रकाश राजभर पर तंज कसते दिखे। चंद्रमोहन ने कहा, जो भी महाराज सुहेलदेव में विश्वास रखता है और उनका सम्मान करता है, उसे पीएम मोदी के इस कार्यक्रम में हिस्सा लेना चाहिए था। जिसने इस कार्यक्रम का बहिष्कार किया है, उसने यह साबित किया है कि वह सिर्फ इस समाज के नाम पर व्यक्तिगत फायदे के लिए राजनीति कर रहा है।
सुलेहदेव के नाम पर स्मारक बनाने की भी तैयारी
राजभर समाज के वोट बैंक में सेंध लगाने के लिए बीजेपी एक कदम और आगे बढ़ती दिख रही है। बीजेपी ने बहराइच में सुहेलदेव के नाम पर एक स्मारक बनाने का निर्णय लिया है। इसके लिए मंत्री अनिल राजभर को जगह तलाशने की जिम्मेदारी भी सौंप दी गई है।