राज्यपाल कलराज मिश्र की अध्यक्षता में रेडक्रॉस, जनजातीय विकास तथा विश्वविद्यालयों से जुड़ी समस्याओं की विशेष समीक्षा बैठक
31 अगस्त तक जिलों में मरीजों की संख्या के अनुपात में 80 हजार निक्षय मित्र और बनाने का लक्ष्य निर्धारित
राज्य में टीबी मुक्त अभियान के तहत 7 हजार 184 निक्षय मित्र
अनुसूचित क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, जल संरक्षण और पर्यावरण संरक्षण के लिए रेडक्रॉस के अंतर्गत होंगे अधिकाधिक कार्य
रेडक्रॉस की जिला शाखाएं रक्तदान शिविरों के अतिरिक्त अंगदान, देहदान और नशा मुक्ति के लिए भी विशेष अभियान चलाएगी
गांव गोद लेकर विश्वविद्यालय द्वारा किए जा रहे कार्यों में जिला प्रशासन की भी होगी भागीदारी, विकास योजनाओं का गांवों को मिलेगा अधिकाधिक लाभ
जयपुर। राज्यपाल कलराज मिश्र ने प्रदेश की जिला रेडक्रॉस शाखाओं से रक्तदान शिविरों के साथ—साथ अंगदान, देहदान और नशा मुक्ति के लिए भी विशेष कार्य करने का आह्वान किया है। उन्होंने टीबी मुक्त भारत अभियान के अंर्तगत रेडक्रॉस सोसायटी सदस्यों द्वारा निक्षय मित्र बनाकर राजस्थान को टीबी मुक्त किए जाने पर भी जोर दिया है। जनजाति क्षेत्रों में रेडक्रॉस गतिविधियों को बढ़ावा दिए जाने की आवश्यकता जताते हुए उन्होंने कहा कि अनुसूचित क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, जल संरक्षण और पर्यावरण संरक्षण के लिए अधिकाधिक कार्य हों।
राज्यपाल ने जिला कलेक्टरों से प्रदेश के विश्वविद्यालयों द्वारा यूनिवर्सिटी सोशल रिस्पॉन्सबिलिटी के तहत गांव गोद लेकर उनके विकास के किए जा रहे कार्यों में सहभागी बनने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि गांव गोद लेकर विश्वविद्यालय द्वारा किए जा रहे कार्यों का जिला कलक्टर स्तर पर समयबद्ध प्रगति रिपोर्ट दी जाए। इससे ग्रामीणों को उनकी भागीदारी से विकास योजनाओं का प्रभावी लाभ मिल सकेगा। उन्होंने जिला कलक्टर स्तर पर राज्य वित्त पोषित विश्वविद्यालयों की भूमि, भवन और अन्य स्थानीय समस्याओं के समाधान के लिए भी समुचित कार्यवाही किए जाने पर जोर दिया।
मिश्र मंगलवार को राजभवन में आयोजित इंडियन रेडक्रॉस सोसायटी, जनजातीय क्षेत्र विकास तथा विश्वविद्यालय से जुड़े स्थानीय मुद्दों की विशेष समीक्षा बैठक में संबोधित कर रहे थे। बैठक में राज्य के सभी संभागीय आयुक्त और सभी 50 जिलों के जिला कलक्टर ऑनलाइन सम्मिलित हुए।
राज्यपाल ने वर्षा के मौसम में जिलों में "एक पेड़ मां के नाम" के तहत सघन वृक्षारोपण के लिए भी सभी को मिलकर प्रयास किए जाने पर जोर दिया। उन्होंने रेडक्रॉस द्वारा विश्वविद्यालयों एवं निजी संस्थानों में भी रक्तदान शिविरों के आयोजन करने, राज्य व जिला शाखाओं में एम्बूलेंस सेवाओं को और अधिक प्रभावी करने तथा जिलों में चिकित्सालय, लैब सुविधाएं बढ़ाने में सहयोग करने और न्यूनतम दरों पर जरूरतमंदों को भोजन और चिकित्सा उपकरण नि:शुल्क उपलब्ध करवाये जाने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि पीड़ित मानवता की सेवा के लिए अधिकाधिक प्रयास होने चाहिए।
राज्यपाल ने जिला कलेक्टरों को निर्देश दिए कि जिन जिला रेडक्रॉस शाखाओं के पास भवन या भूखंड नहीं है, वहां इसके लिए त्वरित कार्यवाही करें। उन्होंने जिला शाखाओं में रेडक्रॉस सोसायटी के न्यूनतम पांच सौ आजीवन सदस्य बनाने, जिलों में एनीमिया नियंत्रण, सिलोकोसिस नियंत्रण और अन्य आवश्यकताओं के लिए सीएसआर में प्रस्ताव बनाकर प्रभावी कार्यवाही करने पर भी जोर दिया। उन्होंने कुष्ठरोग मुक्त भारत अभियान के अन्तर्गत इस रोग के उन्मूलन के लिए भी जिलों में विशेष कार्य किए जाने की आवश्यकता जताई। उन्होंने कुष्ठरोग उन्मूलन के साथ रोगियों के पुनर्वास हेतु भी मिलकर कार्य करने का आह्वान किया।
बैठक में जिला कलेक्टरों ने बताया कि राज्य में 33 जिलों के अलावा 14 और जिलों में रेडक्रॉस सोसायटी का गठन कर लिया गया है। शेष 3 जिलों में भी एक सप्ताह में इस संबंध में कार्यवाही कर ली जाएगी। इसके साथ ही अब राज्य के सभी जिलों में रेडक्रॉस शाखाओं का गठन सुनिश्चित हो सकेगा।
बैठक में उच्च शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव सुबीर कुमार, जनजाति विकास विभाग के सचिव जोगाराम, स्वास्थ्य मिशन के राज्य निदेशक डा. जितेंद्र सोनी ने भी विचार रखे। बैठक में विश्वविद्यालयों के कुलपति, राज्य के संभागीय आयुक्त और सभी जिला कलेक्टरों ने ऑनलाइन जुड़कर बैठक में संबंधित विषयों पर जानकारी दी। आरंभ में राज्यपाल के सचिव गौरव गोयल ने रेडक्रॉस, जनजाति विकास और विश्वविद्यालयों से संबंधित मुद्दों पर विस्तार से जानकारी दी । बैठक में राज्यपाल के प्रमुख विशेषाधिकारी गोविंदराम जायसवाल तथा अन्य अधिकारियों ने भाग लिया।