स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को सौंपा जा सकता है शंकराचार्य का दायित्व

जबलपुर। ब्रह्मलीन शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के प्रमुख शिष्य दंडी स्वामी सदानंद सरस्वती व अविमुक्तेश्वरानंद हैं। ऐसा माना जा रहा है कि इन्हें महत्वपूर्ण दायित्व सौंपा जा सकता है। हालांकि यह जानकारी शंकराचार्य आश्रम, परमहंसी गंगा क्षेत्र, झोतेश्वर के पंडित सोहन शास्त्री ने दी।
अविमुक्तेश्वरानंद का जन्म उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में हुआ था
इनका जन्म उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में हुआ था। पूर्व नाम उमाकांत पांडे था। छात्र जीवन में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के छात्रनेता भी रहे। आप युवावस्था में शंकराचार्य आश्रम में आए। ब्रह्मचारी दीक्षा के साथ ही इनका नाम ब्रह्मचारी आनंद स्वरूप हो गया। बनारस में शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती द्वारा दंडी दीक्षा दिए जाने के बाद इन्हें दंडी स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के नाम से जाना जाने लगा। आप उत्तराखंड बद्रिकाश्रम में शंकराचार्य के प्रतिनिधि के रूप में ज्योतिषपीठ का कार्य संभाल रहे हैं।