विश्वविद्यालय किताबी ज्ञान ही नहीं दे बल्कि युवाओं को देश के अच्छे नागरिक प्रदान करें: राज्यपाल
जयपुर। राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा है कि शिक्षा ज्ञान का हस्तान्तरण है। विश्वविद्यालय अपने यहां विद्यार्थियों को सिर्फ किताबी ज्ञान ही नहीं दे बल्कि युवाओं को देश के अच्छे नागरिक बनाने और एक सुदृढ़ राष्ट्र के निर्माण में भी सहयोग की भावना से कार्य करें।
मिश्र गुरुवार को पंडित दीनदयाल उपाध्याय शेखावटी विश्वविद्यालय, सीकर के चतुर्थ दीक्षांत समारोह में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि युवा सकारात्मक सोच के साथ अपनी पूर्ण क्षमता से राष्ट्र निर्माण में सहयोगी बनें। उन्होंने कहा कि ’विकसित भारत 2047’ की संकल्पना युवाओं पर ही निर्भर है।
राज्यपाल मिश्र ने विश्वविद्यालयों में सामाजिक, आर्थिक समस्याओं के समाधान के लिए अनुसंधान क्षेत्रों को भी प्राथमिकता देने पर जोर दिया। उन्होंने स्थानीय संस्कृति, अतीत से जुड़ी वीर गाथाओं, राष्ट्र की अर्थव्यवस्था में यहां के व्यवसायियों के योगदान आदि विषयों के आलोक में कार्य करने की आवश्यकता जताई। उन्होने कहा कि यह दौर स्वस्थ प्रतिस्पर्द्धा का है। उन्होंने शिक्षा जगत और उद्योग के बीच मौजूद “आपसी अंतर” को पाटते हुए ’आत्म निर्भर’ भारत के लिए कार्य करने का आह्वान किया।
मिश्र ने विश्वविद्यालय आचार्यो का भी आह्वान किया कि वे युवाओं को नियमित शिक्षा के साथ-साथ उनमें कौशल के साथ स्वरोजगार व प्रतिस्पर्धात्मक रूप से आगे बढ़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार करे। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय शिक्षण संस्थान अनुसंधान प्रौद्योगिकी के विकास, नवाचार और उद्यमिता की भावना को पोषित करने का भी माध्यम बने।
राज्यपाल मिश्र द्वारा कुल 72 विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल से नवाजा गया साथ ही कला संकाय के 82672, विज्ञान संकाय के 40376, वाणिज्य संकाय के 10578, समाज विज्ञान संकाय के 29785, शिक्षा संकाय के 36448 एवं विधि संकाय के 1713 स्नातक एवं स्नातकोत्तर दीक्षार्थियों को उपाधि प्रदान की गई।
राज्यपाल ने इससे पहले संविधान की उद्देशिका और मूल कर्तव्यों का वाचन करवाया। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अनिल कुमार राय ने विश्वविद्यालय का प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।
पौधारोपण किया
राज्यपाल ने सीकर से पौधा लगाकर वृक्ष अभियान की भी शुरुआत की। उन्होंने कहा कि वर्षा ऋतु में सभी एक—एक पौधा लगाएं और बाद में इनका संरक्षण भी करें।