ब्रिटेन ने पाकिस्तान को खतरनाक देशों की लिस्ट में डाला

ब्रिटेन ने पाकिस्तान को खतरनाक देशों की लिस्ट में डाला

अब एफएटीएफ से भी पाकिस्तान के ब्लैकलिस्ट होने का खतरा बढ़ा 

लंदन/इस्लामाबाद, पाकिस्तान को ब्रिटेन ने बड़ा झटका देते हुए उसे खतरनाक देशों की लिस्ट में डाल दिया है। ब्रिटिश गवर्नमेंट ने नये कानूनों में संशोधन करते हुए पाकिस्तान को एक 'खतरनाक' देश कहा है और उसे 'हाई रिस्क' लिस्ट में डाल दिया है। ब्रिटेन सरकार के इस कदम के बाद पाकिस्तान बौखलाया हुआ है और उसने ब्रिटेन सरकार पर राजनीतिक पक्षपात करने का आरोप लगाया है।

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लेकिन, ब्रिटेन ने कहा है कि पाकिस्तान टेरेरिज्म को लेकर शर्तें पूरी करने में नाकाम रहा है और वो दुनिया के लिए खतरा है। ‘खतरनाक’ लिस्ट में पाकिस्तान ब्रिटेन सरकार ने ‘मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फाइनेसिंग' रेग्यूलेटर ने पाकिस्तान को आतंकियों को आर्थिक मदद देने और मनी लॉन्ड्रिंग के लिए हाई रिस्क जोन में डाला है। पाकिस्तान उन 21 देशों में शामिल है, जिसे ब्रिटेन सरकार ने दुनिया के लिए खतरनाक कहा है। ब्रिटिश सरकार की इस लिस्ट में नॉर्थ कोरिया, सीरिया, जिम्बाबे और यमन भी शामिल हैं। ब्रिटिश सरकार ने ‘अमेंडमेंट ऑफ द मनी लॉन्ड्रिंग, टेरेरिस्ट फाइनेंसिंग एंड ट्रांसफर ऑफ फंड्स रेग्यूलेशन 2017' के तहत नया लिस्ट बनाया है, जिसके तहत इसमें पाकिस्तान को भी शामिल किया गया है। ब्रिटिश सरकार का ये रेग्यूलेशन 26 मार्च से प्रभावी हो चुका है। यूरोपीय कमीशन ने की पहचान रिपोर्ट के मुताबिक ब्रिटेन सरकार ने ये फैसला यूरोपीयन यूनियन से बाहर होने के बाद लिया है लेकिन इसका पैमाना यूरोपीयन यूनियन के आधार पर ही है और इस लिस्ट में पाकिस्तान को डालने के लिए पाकिस्तान की आतंकी गतिविधियों की पहचान भी यूरोपीयन यूनियन कमीशन ने ही थी। यूरोपीय यूनियन ने अपने अनुच्छेद 9.2 के तहत पाकिस्तान को मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकियों को आर्थिक मदद देने में हाथ पाया है और उसी के आधार पर ब्रिटेन सरकार ने पाकिस्तान को हाई रिस्क जोन में डाला है। भड़का पाकिस्तान ब्रिटेन द्वारा पाकिस्तान को हाई रिस्क लिस्ट में डालना उसके लिए काफी बड़ा झटका माना जा रहा है जिसके बाद प्रतिक्रिया देते हुए पाकिस्तान ने इसे राजनीतिक पूर्वाग्रह से भरा कदम करार दिया है।

ब्रिटेन का मूल्यांकन फैक्ट्स के आधार पर नहीं: पाकिस्तान

पाकिस्तान ने कहा है कि ‘ब्रिटेन का पाकिस्तान को लेकर ये मूल्यांकन फैक्ट्स के आधार पर नहीं है और लंदन को इस मुद्दे पर राजनीतिक विचारों से प्रेरित नहीं होकर फिर से विचार करना चाहिए'। ब्रिटेन ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम एफएटीएफ के उस फैसले के बाद उठाया है जिसमें पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में ही रखा गया है। एफएटीएफ के ग्रे लिस्ट में पाकिस्तान 2018 से ही है, जिसकी वजह से पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को काफी धक्का पहुंचा है, लेकिन इंग्लैंड के इस फैसले के बाद पाकिस्तान की मुश्किलें और बढ़ जाएंगी।

पाकिस्तान ने एफएटीएफ की शर्तों को पूरा नहीं किया

आतंकियों की मदद एफएटीएफ ने फरवरी में हुई बैठक के बाद पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में ही रखा था और पाया था कि पाकिस्तान ने मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग को लेकर एफएटीएफ की शर्तों को पूरा नहीं किया है। एफएटीएफ ने पाकिस्तान को 27 प्वांइट्स की शर्तों को पूरा करने के लिए कुछ और वक्त दिया है।
फ्रांस पहले से ही पाकिस्तान से गुस्सा
एफएटीएफ ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि पाकिस्तान 1267 आतंकियों और 1373 आतंकी संगठनों को दी जाने वाली आर्थिक मदद देना फौरन बंद करे, जिसके बाद ही पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से बाहर निकालने पर विचार किया जा सकता है। वहीं, ब्रिटेन सरकार के इस फैसले के बाद अब एफएटीएफ से भी पाकिस्तान के ब्लैक लिस्ट होने का खतरा बढ़ गया है क्योंकि आतंकियों की मदद के लिए फ्रांस पहले से ही पाकिस्तान से गुस्सा है। और अगर एफएटीएफ पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट में डालता है, तो पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से टूट जाएगी।