लंदन.
कोरोना वैक्सीन को लेकर उठ रहे सवालों के बीच एक अच्छी खबर सामने आई है. ब्रिटेन में हुए दो अध्ययनों में पता चला है कि वैक्सीन की पहली खुराक के बाद ही संक्रमण का खतरा कम होने लगता है. वैज्ञानिकों ने ब्रिटेन में इस्तेमाल की जा रहीं ऑक्सफोर्ड/AstraZeneca या Pfizer/BioNTech वैक्सीन को अपने अपने शोध में शामिल किया. इस दौरान उन्होंने पाया कि टीके की पहली खुराक के बाद ही संक्रमण का खतरा करीब 65 फीसदी तक कम हो जाता है.
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ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और ऑफिस ऑफ नेशनल स्टैटिस्टिक (ओएनएस) द्वारा किए गए दो अध्ययन हालांकि अभी तक प्रकाशित नहीं हुए हैं, लेकिन दोनों में पाया गया है कि टीकों की दो में से एक खुराक ने भी बुजुर्गों, युवाओं और स्वस्थ लोगों में कोरोना संक्रमण के खतरे को काफी कम किया है. गौरतलब है कि वैक्सीन की दो खुराक लगती हैं, पहली खुराक के 28 दिनों बाद दूसरी दी जाती है.
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माना जा रहा है कि ये अध्ययन कोरोना वैक्सीन को लेकर उठी आशंकाओं को खत्म करने में अहम भूमिका निभाएंगे. वैक्सीन को लेकर लोगों के मन में कई तरह के सवाल हैं. वैक्सीनेशन के बाद भी संक्रमण की खबरों ने टीके को लेकर उनके विश्वास को प्रभावित किया है, लेकिन इन स्टडीज से यह साफ होता है कि वैक्सीन लगवाना कितना जरूरी है. हालांकि, शोधकर्ताओं ने सतर्क किया है कि वैक्सीन लगवाने के बाद भी व्यक्ति संक्रमित हो सकता है और बिना लक्षणों के संक्रमित होने के बाद वह इस जानलेवा वायरस को फैला सकता है. इस कारण मास्क लगाने और सोशल डिस्टेंसिंग का सख्ती से पालन करने की जरूरत है.
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अनुसंधानकर्ताओं ने सितंबर 2020 से अप्रैल 2021 के बीच ब्रिटेन में 350000 लोगों की टेस्ट रिपोर्ट का विश्लेषण किया और पाया कि टीके की पहली खुराक के 21 दिनों बाद कोरोना वायरस संक्रमण में कमी आई है. डॉक्टरों के अनुसार, टीका लगने के बाद मानव शरीर में कोरोना वायरस के खिलाफ रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित होने में 21 दिन का समय लगता है. अध्ययन में कहा गया है कि टीके की पहली खुराक के बाद उन 21 दिनों में संक्रमण का खतरा 65 प्रतिशत तक कम हो गया और दूसरी खुराक के बाद इसमें 70 से 77 प्रतिशत तक की कमी दर्ज की गई. बड़े पैमाने पर समुदाय के सर्विलांस की मदद से किए गए अध्ययन में वैज्ञानिकों ने यह निष्कर्ष निकाला है कि ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका या फाइजर-बायोएनटेक टीके की एक खुराक भी COVID-19 के खतरे को काफी हद तक कम करती है.
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