संघ प्रमुख मोहन भागवत स्वयं सेवकों को दे रहे हैं गुरुमंत्र

संघ प्रमुख मोहन भागवत स्वयं सेवकों को दे रहे हैं गुरुमंत्र
इंदौर, मालवा में संघ की जम़ीन मज़बूत करने आए राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत अपने स्वयं सेवकों को गुरुमंत्र दे रहे हैं. वो उन्हें समझा रहे हैं कि संघ की शाखाएं बढ़ाएं. ज़्यादा से ज़्यादा लोगों को जोड़ें. एक स्वयं सेवक कम से कम 25 नये लोगों को शामिल करे. कार्यकर्ता जनता के बीच राष्ट्रीय मुद्दे और चुनौतियों को लेकर जाएं, ताकि केंद्र सरकार के खिलाफ एंटी इन्कमबेंसी और स्थानीय मुद्दे बेअसर हो जाएं. आगामी लोकसभा चुनाव में मालवा निमाड़ में कांग्रेस का फोकस स्थानीय मुद्दों पर रहेगा,जिसमें किसानों और मजदूरों के मुद्दे सबसे अहम है. मंदसौर गोलीकांड के बाद इस इलाके में हुए किसान आंदोलन ने कांग्रेस को मौका दे दिया.यहां 2013 के चुनाव में नौ सीटों पर सिमटी कांग्रेस 2018 में 35 सीटों तक पहुंच गई. इससे बीजेपी और आरएसएस दोनों घबराए हुए हैं. उसकी चिंता की वजह ये है कि कहीं लोकसभा चुनाव में भी यही हाल ना हो जाए. इसलिए संघ ने इस बार मोर्चा संभाल लिया है. संघ के सरसंघचालक मोहनराव भागवत के चार दिन के दौरे और इस दौरान हो रहीं मैराथन बैठकें कई मायनों में महत्वपूर्ण मानी जा रही हैं. चार दिन तक संघ प्रमुख कार्यकर्ताओं, स्वयंसेवकों और प्रबुद्धजनों से चर्चा कर रहे हैं. इसमें संघ की प्रयोगशाला और बीजेपी का अभेद्य गढ़ माने जाने वाले मालवा-निमाड़ में बीते विधानसभा चुनाव में मिली शिकस्त और क्षेत्र से खिसके जनाधार को हासिल करने जैसे मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की जा रही है. संघ के अनुशांगिक संगठनों और उनसे जुड़े विभागों से मोहन भागवत ने साफ कह दिया है कि स्वयंसेवक राष्ट्रीय मुद्दे और चुनौतियों को लेकर जनता के बीच जाएं ताकि केंद्र सरकार के खिलाफ एंटी इन्कमबेंसी और स्थानीय मुद्दे बेअसर हो जाएं. क्योंकि कांग्रेस के पास स्थानीय मुद्दों को अलावा कुछ नहीं है. मालवा निमाड़ में लोकसभा की आठ सीटों में से 7 पर बीजेपी का कब्ज़ा है. सिर्फ एक सीट रतलाम झाबुआ कांग्रेस के खाते में हैं. वहां कांग्रेस के कांतिलाल भूरिया सांसद हैं. लेकिन जिस तरह इस इलाके में कांग्रेस का बैकअप स्थानीय मुद्दों को लेकर हुआ है उससे पार्टी उत्साहित है और अब वो ज़्यादा से ज्यादा ध्यान स्थानीय मुद्दों को दे रही है. बहरहाल मालवा-निमाड़ क्षेत्र में इंदौर के अलावा,उज्जैन, मंदसौर, रतलाम-झाबुआ, धार, खरगोन, खंडवा और देवास-शाजापुर सीटें हैं. बीजेपी को धार, रतलाम-झाबुआ, खरगोन और देवास-शाजापुर सीटों पर उलटफेर की आशंका है इसी नुकसान को थामने के लिए संघ और उसके अनुषांगिक संगठन मैदान संभाले हुए हैं.वहीं विधानसभा चुनाव के नतीजों से उत्साहित कांग्रेस भी बीजेपी की कमजोर सीटों पर पूरी ताकत लगा रही है.