इंदौर में बड़ा हादसा : मकान में धधकी आग, धमाके में तीन की दर्दनाक मौत

इंदौर में बड़ा हादसा : मकान में धधकी आग, धमाके में तीन की दर्दनाक मौत

इंदौर
 मल्हारगंज थाना क्षेत्र के छीपा बाखल में सोमवार तडक़े एक मकान में आग लग गई। आग में परिवार के तीन सदस्य फंस गए। आग को तो बुझा लिया गया, लेकिन मकान गिर गया। मलबे में दबकर तीनों की मौत हो गई।

पुलिस के अनुसार छीपाबाखल गली नंबर दो में एक मकान में आग लग गई। पुलिस फायर ब्रिगेड का दल वहां पहुंचा। लकड़ी का मकान होने से आग ने पूरे घर को चेपट में ले लिया। घर की निचली मंजिल पर मौजूद लोग तो बाहर निकल गए, लेकिन ऊपरी मंजिल पर मौजूद सलीम, नजमा और कासिम फंसे रह गए। आग की अफरा-तफरी में इस ओर किसी का ध्यान भी नहीं गया। थोड़ी देर में आग तो बुझ गई, लेकिन मकान का अंदर का हिस्सा भरभराकर गिर गया। जब परिवार के तीन लोग नहीं मिले तो उन्हें मकान के मलबे में खोजने की कोशिश की गई।

दो धमाके से दहल गए


परिजनों का कहना है कि आग लगने के बाद पहले बच्चों को बाहर निकाला। परिवार बड़ा होने के कारण सलीम और उनकी पत्नी परिवार को बचाने के साथ ही आग बुझाने में भी लग गए। आसपास के लोग भी वहां आ गए। तब तक दोनों बुजुर्ग और कासिम दिखाई दे रहे थे। इसके बाद एक-एक कर दो बार विस्फोट हुए। इसके बाद से सलीम, नजमा और कासिम नहीं दिखे। पहले उनके आसपास चले जाने की बात कही गई लेकिन जब वे कहीं नहीं मिले तो अंदर फंसे होने की बात सामने आई।

पड़ोसी परिवार को बचाया

सलीम के घर के पास ही सोनी परिवार का मकान है। जब आग लगी तो उनके घर पर भी लपटें पहुंच गईं। ऐतिहातन आसपास के लोगों ने सोनी परिवार के सदस्यों को भी वहां से बाहर निकाला, क्योंकि पास का मकान गिर गया था, ऐसे में उनके घर पर भी संकट था। घटना के छह घंटे के बाद पुलिस को किशोर का पहला शव मिला। इसके बाद उसके आसपास ही दूसरे शव भी मिल गए। पुलिस फायर ब्रिगेड और एसडीआरएफ का दल ने रेस्क्यू शुरू किया, लेकिन बार-बार मलबे के गिरने से तकलीफ हो रही थी। इस पर जेसीबी भी बुलाई गई थी। पहले अफसरों ने मकान तोडक़र मलबे को बाहर निकालने की योजना बनाई। इसके चलते पास ही में रहने वाले सोनी परिवार का भी घर खाली करवा लिया गया। बाद में अफसरों ने योजना बदली और टीम के द्वारा ही मलबा हटाकर खोजबीन शुरू की। इसके बाद निगम की टीम के साथ मिलकर मलबा हटाने का काम शुरू किया गया। करीबन 10 बजे टीम को कासिम का शव दिखाई दिया था, जो ऊपरी मंजिल के मलबे में फंसा हुआ था।

होजियरी का था काम

आसपास के लोगों के मुताबिक परिवार का होजयरी का काम है। इस घर में सलीम, नजमा, कासिम के अलावा मो. इमरान, पत्नी सानिया, सदर अनीम, शबनम, इरफान और दो बच्चे अजबान और अयान भी रहते हैं। अभी आग लगने के कारणों का पता नहीं चल सका है लेकिन संभावना है कि आग शॉर्ट सर्किट की वजह से लगी हो सकती है।

रस्सी बांध बाहर निकली टीम

टीम ने कासिम के शव को तो बाहर निकाल दिया था, लेकिन बचे हुए दो शवों को बाहर निकालने की कोशिश की गई तो मलबा नीचे गिरना शुरू हो गया। इसके बाद टीम ने शवों को बाहर निकालने के लिए रस्सी बांध दी क्योंकि अगर मलबा गिरता भी तो शव रस्सी के कारण ऊपर ही रह जाते। इसके बाद टीम मकान से बाहर आ गई और शवों को बाहर निकालने के लिए मकान के बचे हुए हिस्से को तोडक़र मलबा हटाना शुरू किया।