कांग्रेस का स्थापना दिवस आज, 133 साल पहले मुंबई में रखी गई थी नींव
भोपाल
देश की सबसे पुरानी पार्टी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का आज यानी 28 दिसंबर को स्थापना दिवस है. इसकी स्थापना 72 प्रतिनिधियों की उपस्थिति में 28 दिसंबर 1885 को बॉम्बे के गोकुलदास तेजपाल संस्कृत महाविद्यालय में हुई थी. इसे स्थापित करने वालों में ए ओ ह्यूम, दादा भाई नौरोजी और दिनशा वाचा थे.
उस दौरान देश में ब्रिटिश हुकूमत थी. शुरुआत में कांग्रेस को कुलीन वर्ग की संस्था माना जाता था. शुरू में जो सदस्य इससे मुख्य रूप से जुड़े, वह बॉम्बे और मद्रास प्रेसीडेंसी से लिए गए थे. बाल गंगाधर तिलक ने सबसे पहले कांग्रेस में स्वराज का लक्ष्य निर्धारित किया था.
हालांकि 1907 में कांग्रेस दो दलों में विभाजित हो गई थी. इन दो दलों को गरम और नरम दल कहा जाता था. गरम दल का नेतृत्व मुख्य रूप से बाल गंगाधर तिलक, लाला लाजपत राय और बिपिन चंद्र पाल करते थे वहीं नरम दल के नेताओं में गोपाल कृष्ण गोखले, फिरोजशाह मेहता और दादा भाई नौरोजी का नाम शामिल था.
देशवासियों को कांग्रेस के 134वें स्थापना दिवस की मंगलकामनायें।
— MP Congress (@INCMP) December 28, 2018
देश की आजादी से लेकर आज तक भारत के कण-कण में बसने वाले इस महान संगठन का हिस्सा बनना गर्व की बात है।
कांग्रेस के सभी समर्थकों एवं कार्यकर्ताओं का आभार एवं शुभकामनायें।#CongressFoundationDay pic.twitter.com/xgvhKl1UlD
दोनों दलों की विचारधारा में एक बड़ा अंतर था. गरम दल पूर्ण स्वराज की मांग कर रहा था वहीं नरम दल चाहता था कि ब्रिटिश राज में ही स्वशासन आ जाए. हालांकि जब प्रथम विश्व युद्ध हुआ तो 1916 में लखनऊ में दोनों दल एक हो गए और होम रूल आंदोलन शुरू हो गया. इस आंदोलन में ब्रिटिश राज में भारत के लिए डोमिनियन स्टेटस की मांग की गई थी.
कांग्रेस में सबसे बड़ा बदलाव 1915 में तब आया जब महात्मा गांधी ने भारत में आने के बाद राजनीतिक योजनाएं बनाईं. 1919 में जलियांवाला बाग हत्याकांड के बाद गांधी कांग्रेस के महासचिव बने. उनकी वजह से ही कांग्रेस की कुलीन वर्ग संस्था वाली छवि टूटी और वह जनता की संस्था बनी.
गांधी को उस दौरान सरदार वल्लभ भाई पटेल, जवाहरलाल नेहरू, डॉ राजेन्द्र प्रसाद और सुभाष चंद्र बोस जैसे नेताओं का साथ मिला. गांधी के नेतृत्व में ही कांग्रेस कमेटियों का निर्माण, पदों के लिए चुनाव और भारतीय भाषाओं के प्रयोग का चलन शुरू हुआ.
आंदोलनों की शुरुआत के लिए गांधी ने एक करोड़ से अधिक रुपए जमा किए थे. इसके लिए जो कोष बनाया गया था, उसे तिलक स्वराज कोष कहते थे. उस दौरान कांग्रेस की सदस्यता की फीस 4 आना हुआ करती थी. कांग्रेस कुल 49 सालों तक देश की केंद्रीय सरकार का हिस्सा रही. इस पार्टी से देश को अब तक सात प्रधानमंत्री मिले हैं.
कांग्रेस के पहले पीएम जवाहर लाल नेहरू बने थे और अब तक मनमोहन सिंह कांग्रेस के आखिरी पीएम हैं. देश की आजादी से पहले यह पार्टी स्वतंत्रता अभियान की संयुक्त संगठन थी, वहीं आजादी के बाद यह पार्टी भारतीय राजनीति में प्रमुख स्थान पर रही है.
वर्तमान में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी हैं. उनसे पहले उनकी मां सोनिया गांधी कांग्रेस अध्यक्ष थीं. हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने शानदार सफलता हासिल की है. इन तीनों ही राज्यों में अब कांग्रेस की सरकार है.