केन्द्र ने सेंट्रल पूल में लेने से किया इंकार, पौने सात लाख टन गेहूं खुले बाजार में बेचेगी सरकार

केन्द्र ने सेंट्रल पूल में लेने से किया इंकार, पौने सात लाख टन गेहूं खुले बाजार में बेचेगी सरकार

भोपाल
मध्यप्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2019 में समर्थन मूल्य पर खरीदा गया 6 लाख 45 हजार मीट्रिक टन गेहूं केन्द्र सरकार ने सेंट्रल पूल में लेने से इंकार कर दिया है। इसके बाद अब राज्य सरकार इसे खुले बाजार में बेचने की तैयारी में है। इसके लिए मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस की अध्यक्षता में समिति गठित की गई है यह समिति इस गेहूं को बेचने के लिए कीमत तय करेगी और फिर इसकी खुले बाजार में नीलामी की जाएगी।

सूत्रों के मुताबिक केन्द्र सरकार ने समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी के लिए यह निर्देश दिए है कि राज्य सरकारे केन्द्र सरकार द्वारा तय समर्थन मूल्य पर ही गेहूं की खरीदी करे। इससे उपर किसी प्रकार का बोनस या प्रोत्साहन राशि दिए जाने की घोषणा किए जाने पर इस तरह खरीदे गये गेहूं को केन्द्र सरकार सेंट्रल पूल में नहीं लेगी। इस गेहूं की खरीदी का खर्च राज्य सरकार को स्वयं निकालना होगा।

मध्यप्रदेश सरकार ने वर्ष 2019 में समर्थन मूल्य पर जो गेहूं खरीदा था उसमें प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा भी कर दी थी। इसके चलते मध्यप्रदेश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली में उपयोग होने वाला गेहूं और अन्य विभागीय जरुरतों से भी ज्यादा गेहूं खरीद लिया गया। इस तरह खरीदे गए  छह लाख 45 हजार मीट्रिक टन गेहूं को सेंट्रल पूल में लेने से केन्द्र सरकार ने इंकार कर दिया है। यह गेहूं राज्य के गोदामों में रखा हुआ है। इसपर खरीदी करने में तो सरकार को अतिरिक्त राशि खर्च करनी ही पड़ी वहीं इसके परिवहन और भंडारण पर भी राशि खर्च करना पड़ रहा है।

बार-बार पत्र लिखने के बाद भी केन्द्र सरकार इस गेहूं को लेने को तैयार नहीं है। इसके चलते अब राज्य सरकार इस गेहूं का एक आॅफसेट मूल्य तय कर इसकी खुले बाजार में नीलामी करेगी। मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली समिति इसकी बिक्री की शर्तें और प्रक्रिया तय करेगी। संभवत: इसी माह इस गेहूं की सार्वजनिक नीलामी कराने की तैयारी है।