क्या इंदौर से मोदी लड़ेंगे लोकसभा चुनाव ?

क्या इंदौर से मोदी लड़ेंगे लोकसभा चुनाव ?

इंदौर
क्या इंदौर संसदीय क्षेत्र से पीएम मोदी लोकसभा चुनाव लड़ेंगे ? ये बड़ा सवाल आज इंदौर की राजनीति में गरमाया हुआ है। दरअसल, 8 बार से इंदौर की सांसद और लोकसभा स्पीकर का टिकिट उनकी उम्र के चलते बीजेपी ने होल्ड पर रख दिया। इसके बाद इंदौर संसदीय क्षेत्र से बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, विधायक रमेश मेंदोला और महापौर मालिनी गौड़ की दावेदारी पुख्ता मानी जा रही थी। लेकिन इंदौर की ताई और लोकसभा स्पीकर जैसे सम्मानीय पद को शुशोभित कर चुकी इंदौर सांसद सत्ता की चाबी इंदौर के किसी नुमाइंदे की बजाय केंद्रीय चुनाव समिती को सौंप रही है। 

दरअसल, मंगलवार को बीजेपी कार्यालय में कोर कमेटी की बैठक हुई जिसमें सूत्रों से पता चला है कि ताई ने सीधे पीएम मोदी के नाम का प्रस्ताव आगे बढ़ाया और इस नाम के सामने आने के बाद कोई इंकार भी नही कर सका जिसके चलते ये सवाल खड़े हो रहे है कि क्या मोदी वाराणसी छोड़कर इंदौर से चुनाव लड़ेंगे। हालांकि इसके पहले कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजयसिंह ये कह चुके है मोदी भोपाल से उनके सामने लड़े। हालांकि ताई का ये दांव कितना कारगर साबित होगा ये तो वक्त बताएगा लेकिन ये साफ हो चला है कि उन्हें बीजेपी सरकार में आने के बाद भी कोई सम्मानीय पद दिया जा सकता है फिलहाल तो ताई ने इंदौर की नाराजगी को अपनी सटीक चाल से दूर कर दिया है। 

ऐसा माना जा रहा है कि ताई के प्रस्ताव के बाद केंद्रीय कोर कमेटी इंदौर में बीजेपी का प्रत्याशी तय करेगी जिसमे हो सकता है कि मोदी मालवा की माटी में अपना भाग्य आजमाए।मेश मेंदोला और महापौर मालिनी गौड़ की दावेदारी पुख्ता मानी जा रही थी। लेकिन इंदौर की ताई और लोकसभा स्पीकर जैसे सम्मानीय पद को शुशोभित कर चुकी इंदौर सांसद सत्ता की चाबी इंदौर के किसी नुमाइंदे की बजाय केंद्रीय चुनाव समिती को सौंप रही है। दरअसल, मंगलवार को बीजेपी कार्यालय में कोर कमेटी की बैठक हुई जिसमें सूत्रों से पता चला है कि ताई ने सीधे पीएम मोदी के नाम का प्रस्ताव आगे बढ़ाया और इस नाम के सामने आने के बाद कोई इंकार भी नही कर सका जिसके चलते ये सवाल खड़े हो रहे है कि क्या मोदी वाराणसी छोड़कर इंदौर से चुनाव लड़ेंगे। हालांकि इसके पहले कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजयसिंह ये कह चुके है मोदी भोपाल से उनके सामने लड़े। 

हालांकि ताई का ये दांव कितना कारगर साबित होगा ये तो वक्त बताएगा लेकिन ये साफ हो चला है कि उन्हें बीजेपी सरकार में आने के बाद भी कोई सम्मानीय पद दिया जा सकता है फिलहाल तो ताई ने इंदौर की नाराजगी को अपनी सटीक चाल से दूर कर दिया है। ऐसा माना जा रहा है कि ताई के प्रस्ताव के बाद केंद्रीय कोर कमेटी इंदौर में बीजेपी का प्रत्याशी तय करेगी जिसमे हो सकता है कि मोदी मालवा की माटी में अपना भाग्य आजमाए।