चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ: आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत रेस में सबसे आगे?

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ: आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत रेस में सबसे आगे?

 

नई दिल्ली
भारत को आखिरकार एक चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) मिलने वाला है जिस पर फैसला 1999 के करगिल युद्ध से लटका हुआ था। CDS सरकार को सिंगल पॉइंट मिलिट्री सलाह देगा और जल, थल और वायुसेना के बीच समन्वय बैठाने का काम करेगा। 73वें स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लाल किले से यह ऐलान करने के बाद ऐसी अटकलें तेज हो गई हैं कि आर्मी के चीफ जनरल बिपिन रावत इस पद की रेस में सबसे आगे हैं।

फिलहाल सेनाध्यक्षों के बराबर रैंक
सूत्रों के मुताबिक एक टॉप लेवल की क्रियान्वन समिति CDS के तौर तरीकों और भूमिका के बारे में नवंबर तक काम करेगी। गौरतलब है कि भारतीय वायुसेना के एयर चीफ मार्शल बीएस धनोवा 30 सितंबर को रिटायर हो रहे हैं और जनरल बिपिन रावत का कार्यकाल 31 दिसंबर को पूरा हो रहा है। सूत्रों ने बताया है कि CDS की रैंक आर्मी, नेवी और एयरफोर्स के चीफ से ऊपर होगी, भले ही वह उनकी तरह ही 4-स्टार जनरल हो। भविष्य में इसे 5-स्टार जनरल भी किया जा सकता है।


कई संभावनाएं, कई आशंकाएं
डिफेंस क्षेत्र के एक बड़े तबके को ऐसा लगता है कि भारत को 5-स्टार CDS की जरूरत है जिसके पास पूरा ऑपरेशन कंट्रोल भी हो लेकिन दूसरों का मानना है कि इस पद लंबे वक्त से चले आ रहे राजनीतक-ब्यूरोक्रैटिक विचार-विमर्श के कारण ऐसा होना मुश्किल है। कुछ लोगों को तो यह भी आशंका है कि ऐसा करने से सत्तापलट की कोशिश भी हो सकती है।


टलता रहा फैसला
ज्यादातर सरकारों ने राजनीतिक सहमति नहीं होने के कारण CDS के पोस्ट को ठंडे बस्ते में डाले रखा। 2012 में नरेश चंद्र टास्कफोर्स ने चीफ ऑफ स्टाफ कमिटी (CoSC) के चेयरमैन का प्रस्ताव दिया था जिसका 2 साल का तय कार्यकाल होता। CoSC में फिलहाल तीनों चीफ होते हैं जिनमें से सबसे सीनियर चैयरमैन के तौर पर काम करता है।


करगिल युद्ध के बाद से चर्चा
करगिल युद्ध के समाप्त होने के बाद करगिल रिव्यू कमिटी का गठन किया गया था। करगिल रिव्यू कमिटी ने पाया कि युद्ध के दौरान सेना की विभिन्न शाखाओं के बीच संचार और प्रभावी तालमेल की कमी थी। इसी चीज को देखते हुए कमिटी ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के पद बनाने का सुझाव दिया था। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ को तीनों सेनाओं के बीच तालमेल स्थापित करने और सैन्य मसलों पर सरकार के लिए सिंगल पॉइंट सलाहकार के तौर पर काम करने की जिम्मेदारी सौंपने का सुझाव दिया गया।