डॉगी का गुस्सा ही नहीं, प्यार भी हो सकता है जानलेवा
गर्मी में इंसान क्या जानवर भी परेशान हो जाते हैं। ऐसे में डॉग बाइट की घटनाएं भी बढ़ जाती हैं। अगर चलते-फिरते आपको कोई कुत्ता काट ले, तो यह आपके लिए खतरनाक साबित हो सकता है। ऐसे में रेबीज का इंफेक्शन होने का अंदेशा बना रहता है, जिसका कोई इलाज नहीं है। ऐसे में हम आपको बता रहे हैं कि रेबीज क्या है और कैसे आप किसी कुत्ते के काटने पर खुद को इंफेक्शन से बचा सकते हैं।
डॉग बाइट यानी कुत्ते का काटना कोई साधारण बात नहीं है। कुत्ता अगर पहले से ही रेबीज से ग्रस्त है, तो उसका काटना ही नहीं बल्कि चाटना भी आपके लिए जानलेवा हो सकता है। ऐसा नहीं है कि रेबीज सिर्फ आवारा कुत्तों से ही फैलता है, अगर आपने अपने पालतू कुत्ते को टीके नहीं लगवाए हैं, तो यह आपके घर के कुत्ते से भी फैल सकता है। ऐसे में उसका प्यार करना भी आपको परेशानी में डाल सकता है।
क्या है रेबीज?
रेबीज एक तरह का वायरस होता है। यह कुत्ते के अलावा बंदर और बिल्ली से भी इंसानों तक पहुंच सकता है। अगर इनमें से कोई भी जानवर रेबीज से संक्रमित है, तो वह आपके लिए परेशानी बन सकता है। ऐसे में आप किसी तरह की लापरवाही न बरतें। यह वायरस सेंट्रल नर्वस सिस्टम को फेल कर देता है, जिससे पीड़ित इंसान सामान्य नहीं रह पाता।
कैसे फैलता है?
आपने अक्सर लोगों से सुना होगा कि कुत्ते के काटने से रेबीज का इंफेक्शन फैलता है, जबकि ऐसा नहीं है। सिर्फ काटने से ही नहीं बल्कि अगर आपको रेबीज से पीड़ित कोई जानवर चाट भी ले तो भी आप रेबीज के शिकार हो सकते हैं। डॉग बाइट के तीन ग्रेड होते हैं:
1- अगर कुत्ता प्यार से भी चाटता है, तो होशियार हो जाएं। अगर कुत्ते में रेबीज का इंफेक्शन होगा, तो आपके शरीर में भी रेबीज के वायरस आने की आशंका बनी रहती है। खासकर अगर कुत्ते ने शरीर के उस हिस्से को चाट लिया हो, जहां चोट की वजह से मामूली कट या खरोंच हो।
2- अगर किसी कुत्ते के काटने के बाद स्किन पर उसके एक या दो दांतों के निशान दिखाई पड़ते हैं, तो समझिए कि एहतियात बरतने की जरूरत है। बहुत से लोग यह सोचकर कि कुत्ते को रेबीज नहीं होगा, एक या दो दांतों के निशान को मामूली जख्म की तरह ट्रीट करते हैं। ऐसी अनदेखी घातक साबित हो सकती है, क्योंकि रेबीज का वायरस एक बार शरीर में जाकर सालों तक रह जाता है।
3. 3- है या दांतों के तीन-चार निशान दिखाई देते हैं, तो यह खतरनाक है। किसी जानवर के काटने या डसने से जानलेवा वायरस या जहर शरीर में दाखिल हो सकता है। इससे रेबीज हो सकता है, जिसका मेडिकल साइंस अब तक कोई इलाज नहीं ढूंढ पाई है।
लक्षण
पानी से डर (हाइड्रोफोबिया)
प्यास के बावजूद पानी न पीना
बात-बात पर भड़क जाना
बर्ताव में हिंसक हो जाना
कैसे बचा जाए?
रेबीज से बचने के लिए कुत्ते, बिल्ली या बंदर के काटने के 24 घंटे के अंदर एंटी रेबीज इंजेक्शन के जरिए इलाज शुरू करवाएं। कुत्ते के काटने के बाद उस हिस्से को सबसे पहले पानी से खूब अच्छी तरह धोएं। फिर साबुन लगा कर धोएं। वहां किसी प्रकार की कोई पट्टी न बांधें। पहला एंटी रेबीज इंजेक्शन 24 घंटे के अंदर जरूर लगवा लें।
इंजेक्शन को लेकर मिथक
आपने कई बार सुना होगा कि लोग कहते हैं कि कुत्ता काट ले तो पेट में 14 इंजेक्शन लगवाने पड़ते हैं। यह बिल्कुल गलत है। अब टीके के तरीके और टाइम पीरियड बदल चुके हैं। इसमें पांच इंजेक्शन एक खास टाइम पीरियड में लगवाने पड़ते हैं।
प्री-एक्सपोजर वैक्सिनेशन भी है विकल्प
आप प्री-एक्सपोजर वैक्सीन भी ले सकते हैं। इसमें तीन इंजेक्शन लगाए जाते हैं। तीनों इंजेक्शंस का कोर्स जरूरी है। पहला इंजेक्शन पहले दिन, दूसरा इंजेक्शन तीसरे दिन और तीसरा इंजेक्शन सातवें दिन लगाया जाता है। यह वैक्सीन कुत्ते काटने से पहले एहतियातन ली जाती है। हालांकि इस वैक्सीन को लगवाने वाले बहुत कम लोग होते हैं। प्री-एक्सपोजर वैक्सिनेशन का असर दो साल तक रहता है। इस दौरान अगर कुत्ता, बिल्ली या बंदर काटता है तो रेबीज होने की आशंका नहीं रहती। लेकिन अगर जख्म गहरा हो, तो डॉक्टर को जरूर दिखाएं। कई बड़े सरकारी अस्पतालों के अलावा दिल्ली सरकार के अस्पतालों में भी कुत्ते, बिल्ली या बंदर के काटने पर फ्री इलाज की सुविधाएं हैं।