दिव्यांग सैफ जाएगा पैरा ओलंपिक गेम्स स्पेन में हिस्सा लेने
दमोह
मध्य प्रदेश के दमोह में रहने वाले दिव्यांग खिलाड़ी ने एक बार फिर मध्यप्रदेश के साथ दमोह का नाम खेलों की दुनियां में रोशन किया है. तीन साल पहले तक जो दिव्यांग घुटनों के बल चला करता था, आज उसने अपने जब्बे के बाद वो मुकाम हासिल किया है कि कोई भी उसके हौसले को देखकर अपने दांतो तले उंगली दबा लेगा. राष्ट्रीय स्तर पर गोल्ड व सिल्वर मेडल जीतने के बाद अब वह सात समंदर पार स्पेन जाकर अपनी काबलियत का लोहा मनवाएगा.
गुजरात राज्य के नाडियाड में आयोजित सेरिबल पालिसी गेम्स 2018 में दमोह के रहने वाले दिव्यांग सैफ अली ने जो कमाल किया वह हर युवा के लिए प्रेरणादायक है. 20 साल का सैफ दमोह में तैनात पुलिस हेड कांस्टेवल अनवर खान का बेटा है.
जन्म से ही दिव्यांग होने के कारण वह घुटने के बल ही चल पाता था. माता पिता की प्रेरणा के साथ ही घुटने के बल चलने वाले सैफ का भोपाल के कोहेफिजा अस्पताल में घुटनों का तीन साल पहले आपरेशन हुआ. उसके बाद दमोह के विकलांग पुर्नवास केंद्र में सैफ ने लगातार दो साल तक जाकर अभ्यास किया. इसका परिणाम यह रहा कि घुटनों के साथ सैफ चेयर के सहारे चलने भी लगा.
वहीं अपनी मां फरीदा खान की प्रेरणा से उसने अपने पिता की तरह ही खेल की दुनियां में मकाम हासिल करने का संकल्प लिया. उसके बाद उसने लगातार परिश्रम एवं संकल्प ले राष्ट्रीय स्तर पर मध्य प्रदेश के 29 तथा देश के अन्य राज्यों से वहां आए तमाम दिव्यांग खिलाड़ियों को मात देते हुए तवा फेंक में 14फुट का रिकार्ड बनाते हुए गोल्ड व गोला फेंक में 18 फुट का रिकार्ड बनाकर सिल्वर मेडल हासिल किए.
सेरेबल पालिसी गेम्स के साथ ओलंपिक के ट्रॉयल गेम्स के दौरान अपनी पोजीशन बनाने के बाद अब सैफ का चयन स्पेन में अगस्त माह में होने वाले पैरा ओलंपिक गेम्स के लिए हुआ है. इसके पहले दिल्ली में कैंप में हिस्सा लेने के बाद वह स्पेन जाएगा. सैफ इन दिनों खेल के साथ बीए प्रथम वर्ष में पढ़ रहा है. वह खेल के साथ लगातार पढ़ाई पर भी ध्यान दे रहा है. स्पेन जाने के लिए सैफ उत्साहित है. उसका कहना है कि वहां जाकर देश के लिए गोल्ड लाएगा.