दूध के दाम बढ़ाने की तैयारी

दूध के दाम बढ़ाने की तैयारी

मुंबई

डेयरी कंपनियां जनवरी के दूसरे पखवाड़े या आखिर में दूध के दामों में प्रति लीटर 2-4 रुपये का इजाफा करने की योजना बना रही हैं। महाराष्ट्र, तमिलनाडु और गुजरात जैसे राज्यों की ओर से आपूर्ति में कमी के कारण बाजार में मौजूद स्टॉक घटने, उत्पादन लागत में तीव्र वृद्धि और बढ़ती मांग की वजह से यह इजाफा होने जा रहा है। खरीद मूल्य बढऩे के बाद इसका बोझ उपभोक्ताओं पर डालने का यह रुख आगे भी जारी रहने के आसार हैं। आपूर्ति की अधिकता के कारण पिछले दो सालों से न केवल दूध के दाम बल्कि इससे उत्पादित पनीर, मक्खन, दही और सबसे महत्त्वपूर्ण उत्पाद स्किम्ड मिल्क पाउडर के दाम भी नरम रहे हैं। इसलिए पिछले दो वर्षों के दौरान डेयरी कंपनियों ने अपने दूध की कीमतों को लगभग स्थिर रखा। दूध से उत्पादित स्किम्ड मिल्क पाउडर जैसे उत्पादों के दाम इस साल अगस्त में लुढ़कते हुए 125 रुपये प्रति किलोग्राम के निचले स्तर पर पहुंच गए थे। इसी तरह अन्य जिंसों जैसे पनीर और मक्खन आदि की कीमतें भी अगस्त में निचले स्तर पर आ गई थीं। बाद में स्किम्ड मिल्क पाउडर के दाम मजबूत होकर 200-210 रुपये प्रति किलोग्राम हो गए। इसी तरह दूध के दामों में वृद्धि के बिना ही घी, पनीर और मक्खन के दाम भी बढ़ गए।
 
अमूल ब्रांड के तहत डेयरी उत्पादों के भारत के सबसे बड़े उत्पादक गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन महासंघ (जीसीएमएमएफ) के प्रबंध निदेशक आरएस सोढ़ी ने कहा कि सही मायनों में (महंगाई के असर को ध्यान में रखते हुए) दूध की कीमत नहीं बढ़ी हैं। असल में इसकी वास्तविक कीमतों में तेजी से गिरावट आई थी जो अब व्यावहारिक स्तर पर आनी चाहिए। किसानों को उत्पादन लागत से कम आमदनी हो रही थी जिसके परिणामस्वरूप पशुपालन में ताजा निवेश पूरी तरह रुक गया। इसलिए कम दामों के कारण दूध उत्पादन पर असर पड़ा जिसका नतीजा इस सीजन में कम आपूर्ति के रूप में सामने आया। शादी के सीजन की शुरुआत से दूध की मांग बढऩे वाली है। इसलिए किसी भी दाम वृद्धि से पहले यह देखा जाएगा कि मांग में क्या इजाफा होता है। लेकिन इस सीजन में दूध की कीमतें निश्चित रूप से बढ़ेंगी।
 
विशेषज्ञों का मानना ​​है कि डेयरी कंपनियां जनवरी के अंत तक दूध की कीमतों में 2-4 रुपये की बढ़ोतरी करना चाह रही हैं। आपूर्ति कम होने के कारण दामों में यह इजाफा अगले सीजन में भी जारी रहेगा। पिछले चार महीनों के दौरान सूखे और हरे चारे की कीमतों में 20 प्रतिशत तक की वृद्धि हो चुकी है। स्किम्ड मिल्क पाउडर के साथ-साथ घी, मक्खन और पनीर जैसे अन्य दुग्ध उत्पादों के दाम भी अगस्त में हाल के निचले स्तर पर जाने के बाद से 30 प्रतिशत तक बढ़ चुके हैं। घी की कीमतें 310-325 रुपये प्रति किलोग्राम और मक्खन के दाम 235 रुपये प्रति किलोग्राम हो गए हैं। इन जिंसों में मूल्य वृद्धि से किसानों के लिए भैंस के दूध के दाम सात रुपये तक बढ़कर 39 रुपये हो गए हैं।