नदियों के उतार चढ़ाव से सहम रहा उत्तर बिहार, मोतिहारी-दरभंगा व मुजफ्फरपुर में बाढ़ का संकट बरकरार

नदियों के उतार चढ़ाव से सहम रहा उत्तर बिहार, मोतिहारी-दरभंगा व मुजफ्फरपुर में बाढ़ का संकट बरकरार

मुजफ्फरपुर 
उत्तर बिहार में नदियों के जलस्तर में हो रहे उतार-चढ़ाव से लोग अब भी सहम रहे हैं। मुख्य तीन नदियां गंडक, बूढ़ी गंडक व बागमती में से दो नदियां अब भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। हालांकि गंडक सहित कई दूसरी नदियों के जलस्तर में गिरावट से लोग राहत की उम्मीद कर रहे हैं।
मुजफ्फरपुर में बूढ़ी गंडक व बागमती का जलस्तर अब भी खतरे के निशान से ऊपर बना हुआ है।

बूढ़ी गंडक का पानी लगातार तिरहुत नहर के टूटे तटबंध के माध्यम से जिले के दो हिस्सों में बढ़ रहा है। एक तरफ सकरा मनियारी होते हुए पानी वैशाली के पातेपुर की ओर बढ़ रहा है, तो दूसरी ओर के टूटे तटबंध से पानी मुशहरी प्रखंड की ओर फैल रहा है। हालांकि पानी के बहाव की गति थोड़ी धीमी हुई है, लेकिन बूढ़ी गंडक का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर होने के कारण लोगों को अभी राहत की कोई उम्मीद नहीं है। बागमती के असर वाले औराई, कटरा व गायघाट में लोगों ने राहत की सांस ली है। इन तीन प्रखंडों में पानी धीरे धीरे उतरने लगा है। लेकिन सरैया पारू व साहेबगंज के जलमग्न क्षेत्र में संकट अभी भी बरकरार है।

उधर, दरभंगा में नदियों के जलस्तर में कमी दर्ज की गई है। जलस्तर में कमी के बावजूद बागमती खतरे के निशान से ऊपर बनी हुई है तो अधवारा कमतौल में खतरे के निशान के ऊपर है। वहीं कमला नदी सोनवर्षा में खतरे के  निशान से काफी नीचे आ गई है। नदियों के जलस्तर में कमी के साथ शहर में बाढ़ की स्थिति में सुधार आना शुरू हो गया है। शहर के उत्तरी व दक्षिणी भाग में बाढ़ के पानी में दो फीट की कमी आई है। हालांकि हनुमान नगर, में स्थिति अब भी खराब बनी हुई है। उधर, मोतिहारी के चनपटिया में गंडक नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी दर्ज की गई है, जबकि लालबकेया में बूढ़ी गंडक का जलस्तर स्थिर पाया गया है। गंडक बराज से मंगलवार को 1.86 लाख क्युसेक पानी छोड़ा गया है।