परिवहन विभाग को छोड़कर सरकार ने तबादलों से हटाया प्रतिबंध

भोपाल
कर्मचारी-अधिकारियों के बेशुमार तबादलों के बीच कमलनाथ सरकार ने मंगलवार रात नई तबादला नीति घोषित कर दी है। इसके तहत अब 5 जून से 5 जुलाई तक तबादले हो सकेंगे। सामान्य प्रशासन विभाग के सूत्रों के अनुसार नई नीति में कुल कर्मचारी संवर्ग के औसतन 10 फीसदी यानी 50 हजार कर्मचारी-अधिकारी के तबादले एक माह में किए जा सकते हैं।
पहली बार नीति में स्कूल शिक्षा विभाग को शामिल किया गया है। अभी तक शिक्षकों के लिए अलग से तबादला नीति आती थी। इससे तबादलों की संख्या अधिक हो सकती है।
आदेश जारी होने के दो सप्ताह में रिलीव होना अनिवार्य रहेगा। सक्षम प्राधिकारी को दस दिन का समय बढ़ाने का अधिकार होगा। इसके बाद एकतरफा कार्यमुक्त किए जा सकेंगे। तबादला आदेश को वेतन से जोड़ा गया है। आदेश जारी होते ही ट्रेजरी से वेतन बंद हो जाएगा। नई नीति में विभागीय व प्रभारी मंत्री को पॉवरफुल किया गया है।
ये होगा तबादले का फॉर्मूला
जिस संवर्ग में 200 कर्मचारी हैं, वहां20 प्रतिशत तबादले हो सकेंगे।
जिसमें 201 से 2000 तक कर्मचारी का संवर्ग है, वहां10 प्रतिशत तबादले हो सकेंगे।
2000 से ज्यादा संवर्ग वाले में 5 प्रतिशत तक तबादले हो सकेंगे।
बीमार होने पर स्वेच्छा से हो सकेंगे तबादले
खुद के खर्च पर तबादले के लिए आवेदन ऑनलाइन होगा। खुद के खर्च और प्रशासनिक खर्च पर तबादले के अलग-अलग आदेश जारी होंगे। जिनकी सेवा का केवल एक साल बचा है, उनका तबादला नहीं होगा। कैंसर या ओपन हार्ट सर्जरी आदि के मामलों में जिला मेडिकल बोर्ड की अनुशंसा पर स्वेच्छा से तबादला हो सकेगा।
इन 9 जिलों में महिलाओं को होगी प्राथमिकता
राज्य सरकार ने तबादला नीति में पहली बार प्रदेश के 900 से कम लिंगानुपात वाले 9 जिलों को शामिल किया है। इनमें मुरैना, भिण्ड, ग्वालियर, शिवपुरी, दतिया, छतरपुर, सागर, विदिशा और रायसेन जिले शामिल हैं।