प्रदेशभर के स्वास्थ्य विभाग, पशु चिकित्सा विभाग और आयुर्वेदिक चिकित्सकों को भी चुनाव में ड्यूटी

प्रदेशभर के स्वास्थ्य विभाग, पशु चिकित्सा विभाग और आयुर्वेदिक चिकित्सकों को भी चुनाव में ड्यूटी

भोपाल
मध्यप्रदेश में जहां एक ओर चिकित्सक जीका वाइरस और पशु चिकित्सक ग्लेंडर्स रोग से जूझ रहे है वहीं चुनाव आयोग ने प्रदेशभर के चिकित्सकों और पशु चिकित्सालयों के चिकित्सकों यहां तक की आयुर्वेदिक चिकित्सकों तक की चुनाव में ड्यूटी लगा दी है। जबकि इन सभी की सेवाएं अत्यावश्यक सेवाओं के दायरे में आती है और भारत निर्वाचन आयोग ने इन्हें चुनाव ड्यूटी से मुक्त कर रखा है इसके बावजूद इन्हें चुनाव कार्य में लगाया गया है।

चिकित्सा शिक्षा विभााग, स्वास्थ्य विभाग, आयुष विभाग और पशु चिकित्सा विभाग के अंतर्गत पूरे प्रदेश में आमजन और पशु-पक्षियों के गंभीर रोगों से बचाव के लिए जुटे सामान्य चिकित्सक और पशु चिकित्सक इस समय प्रदेश में गंभीर बीमारियों के प्रकोप को कम करने पर काम कर रहे है। ऐसे में चुनाव आयोग के फरमान से प्रदेशभर में इन चिकित्सकों को चुनाव कार्य में लगा दिया गया है। किसी को पीठासीन अधिकारी बनाया गया है किसी को जोनल अधिकारी की जिम्मेदारी दी गई है। कहीं तो चिकित्सकों को मतपत्रों पर सील लगाने और हस्ताक्षर करने का काम सौपा गया है। 

अब चुनाव ड्यूटी लगने से परेशान चिकित्सक असमंजस में है कि आम नागरिकों और पशु-पक्षियों का इलाज करे, आपरेशन कर उनकी जान बचाने की जिम्मेदारी निभाए या फिर चुनाव आयोग के फरमान पर मतदान केन्द्रों पर चुनाव ड्यूटी करने जाएं। इससे पूरी स्वास्थ्य व्यवस्थाएं चरमरा जाएंगी।