नंदकुमार चौहान ने वायरल पत्र को बताया फर्जी, दर्ज कराई शिकायत

नंदकुमार चौहान ने वायरल पत्र को बताया फर्जी, दर्ज कराई शिकायत

भोपाल 
बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और सांसद नंदकुमार सिंह चौहान ने सोशल मीडिया पर वायरल हुए पत्र को फर्जी बताते हुए इंदौर के एरोड्रम पुलिस थाने में इसकी शिकायत की है| उन्होंने अपनी शिकायत में कहा है कि मैं दो दिनों से अपने दामाद के यहां इंदौर आया हुआ, इस बीच मेरे नाम से भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम से कूट रचित पत्र किसी के द्वारा जारी किया गया है | उन्होंने पुलिस से इस फर्जी पत्र की जांच कर यह पत्र जारी करने वालों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की मांग की है| 

दरअसल, गुरूवार को सोशल मीडिया पर नंदकुमार सिंह चौहान के नाम से अमित शाह को लिखा एक पत्र वायरल हुआ था| जिसमे टिकट वितरण में महत्व नही मिलने पर नाराजगी जताई गई थी| इसके अलावा कई गंभीर विषयों पर चर्चा का जिक्र किया गया था और पार्टी में स्वयं की उपेक्षा का जिक्र था| यह पत्र सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ| इसके बाद नंदकुमार ने इंदौर पुलिस से इस सम्बन्ध में शिकायत की है|  

आप से जबलपुर में मुलाकात के दौरान मैंने मध्य प्रदेश के राजनीतिक हालात और पार्टी स्तर पर लगातार हो रही मेरी एवं मेरे समाज की उपेक्षा का जिक्र किया था आपके द्वारा शीघ्र समाधान निकालने और शिवराज जी व विजयवर्गीय जी को समझाइश देने का आश्वासन भी दिया गया था परंतु खेद के साथ बताना पड़ रहा है की हालत आज भी वैसे ही हैं पिछले दिनों मैंने स्वयं पहल करते हुए शिवराज जी से बात की थी तब उन्होंने मुझे विधानसभा चुनाव के दौरान विभिन्न कार्यों में सम्मिलित करते हुए मेरी भूमिका वह महत्वपूर्ण बनाने का आश्वासन दिया था परंतु उनमें से कुछ भी पूरा नहीं हुआ| वर्तमान में राजपूत समाज की भाजपा जितनी उपेक्षा कर रही है उससे पार्टी को दीर्घकालिक नुकसान हो सकता है | पार्टी को यह नहीं भूलना चाहिए कि गुजरात चुनाव के दौरान राजपूतों ने भाजपा को मेरे कहने पर ही समर्थन दिया था बाद में मेरे समाज के लोगों ने ही मुझ पर समाज से धोखा करने का आरोप लगाया परंतु पार्टी का एक सच्चा सिपाही होने के नाते में सब सह गया| वर्तमान में टिकट वितरण में भी मेरे समर्थकों की उपेक्षा की जा रही है जिसमें आपको दखल देने की जरूरत है विजयवर्गीय जी और नरोत्तम मिश्रा जी अभी से अपने लोगों को टिकट दिलाकर मुख्यमंत्री बनने के लिए समर्थन की राह आसान करने में लगे हैं जबकि दिल्ली की मीटिंग में नड्डा जी वह गहलोत जी के समक्ष यह तय हुआ था कि चुनाव से पहले जनता को इस बात की जानकारी किसी कीमत पर नहीं होनी चाहिए कि शिवराज को हम दिसंबर में केंद्र में लेकर रक्षा मंत्री बना सकते हैं|

 शिवराज जी भी अब उस मन से काम नहीं कर रहे हैं जिस मन से करना चाहिए क्योंकि एक तो उन्हें मध्य प्रदेश आने की भनक है और दूसरा वह जानते हैं कि जीतने पर भी मुख्यमंत्री नहीं बनने वाले हैं भाई साहब यदि मेरा सुझाव माने तो हमें शिवराज को मुख्यमंत्री पद का प्रत्याशी घोषित कर देना चाहिए और फिर हिमाचल की तरह रणनीति अपनाना चाहिए|