भांग से बनी दवा करेगी कैंसर का इलाज, AIIMS में होगी स्टडी

भांग से बनी दवा करेगी कैंसर का इलाज, AIIMS में होगी स्टडी

 
नई दिल्ली 

कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी का इलाज अब भांग से करने की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं। चूहों पर की गई स्टडी में यह साबित हो गया है कि भांग के इस्तेमाल से कैंसर मरीजों की बीमारी को कम किया जा सकता है। अब एम्स के डॉक्टर भांग का इस्तेमाल इंसानों पर करने की तैयारी कर रहे हैं।  
 
एम्स कीमोथेरपी से गुजर रहे कैंसर मरीजों पर भांग की पत्तियों से बनी दवाओं का इस्तेमाल कर यह पता लगाएगा कि यह कितना कारगर होता है। एम्स के सर्जरी विभाग के डॉक्टर अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि इस स्टडी के लिए आयुष मंत्रालय को प्रस्ताव भेज दिया गया है। 

भांग के कुछ पौधे मेडिकल गुणों से युक्त 
आमतौर पर भांग को लोग नशे में इस्तेमाल करते हैं, लेकिन इसके कुछ ऐसे पौधे होते हैं जिसमें मेडिकल गुण भी पाए जाते हैं। भांग के इस मेडिकल गुण वाले पौधे के इलाज में इस्तेमाल को लेकर शुक्रवार राजधानी दिल्ली में आयोजित कांफ्रेंस के दौरान डॉक्टर अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि मंत्रालय को भांग से बनी दवाएं उपलब्ध कराना है, ताकि उसका इस्तेमाल कैंसर मरीजों पर किया जा सके। उन्होंने कहा कि इस रिसर्च के लिए कैंसर के लगभग 450 मरीजों को शामिल किया जाएगा, जिन्हें कीमोथेरपी दी जा रही है।
  
 खाने-पीने की चीजों को लंबे समय तक प्रिजर्व करने के रखने के मकसद से हम उन्हें फ्रिज में रख देते हैं। किचन गैजेट के रूप में देखें तो फ्रिज बेहद काम की चीज है जो खाने को स्टोर कर रखने में मदद करता है और खाने को बर्बाद होने से बचाता है। लेकिन फ्रिज का ठंडा तापमान कई तरह के हेल्थ इश्यू के लिए भी जिम्मेदार है। आपको जानकर हैरानी होगी कि खाने-पीने की ऐसी कई चीजें है जिन्हें आपको भूल से भी फ्रिज में नहीं रखना चाहिए। उन्हीं में से एक है आलू, आखिर क्यों आलू को फ्रिज में नहीं रखना चाहिए, पढ़ें....

 जब आप आलू को फ्रिज में रखते हैं तो फ्रिज का ठंडा तापमान आलू में मौजूद स्टार्च को शुगर में बदल देता है। यह शुगर आगे फिर रिऐक्ट होती है और एक खतरनाक केमिकल में तब्दील हो जाती है जिससे कई तरह का कैंसर होने का खतरा रहता है।

 फूड स्टैंडर्ड एजेंसी द्वारा करवाई गई एक स्टडी के मुताबिक फ्रिज में रखे आलू को जब बेक या फ्राई किया जाता है तो आलू में मौजूद शुगर कन्टेंट आलू में मौजूद एमिनो ऐसिड ऐस्परैगिन के साथ मिक्स हो जाता है, नतीजतन ऐक्राईलामाइड नाम का केमिकल उत्पन्न होने लगता है।

 अमेरिकन कैंसर सोसायटी की मानें तो वैसे खाद्य पदार्थ जिनमें स्टार्च पाया जाता है, जब वे फ्राइंग, रोस्टिंग या बेकिंग के जरिए उच्च तापमान के संपर्क में आते हैं तब उनमें ऐक्राईलामाइड नाम का केमिकल पाया जाता है। इस केमिकल का इस्तेमाल पेपर बनाने, प्लास्टिक बनाने और यहां तक की कपड़ों को डाई करने में भी होता है।

 पहली बार साल 2002 में ऐक्राईलामाइड के बारे में पता चला था और तब से लेकर अब तक कई स्टडीज हो चुकी हैं जिनमें यह बात निकलकर आयी है कि वैसे लोग जो उच्च तापमान पर पके स्टार्च वाले खाद्य पदार्थ का सेवन करते हैं उनमें अलग-अलग तरह के कैंसर होने का खतरा भी अधिक होता है।

 अमेरिकन कैंसर सोसायटी की मानें तो आलू को फ्रिज में भूल से भी न रखें बल्कि आलू को सामान्य रूम टेंपरेचर पर किसी सूखी जगह पर रखना चाहिए। साथ ही आलू को बहुत ज्यादा उच्च तापमान पर पकाने से भी बचना चाहिए।