मनीषा और सरिता के मुक्कों से निकली जीत
नयी दिल्ली
भारत की 21 वर्षीय मनीषा मौन और अनुभवी मुक्केबाज एल सरिता देवी ने आईजी स्टेडियम स्थित केडी जाधव हाल में चल रही आईबा महिला विश्व मुक्केबाजी प्रतियोगिता में शुक्रवार को विजयी शुरुआत करते हुए दूसरे दौर में प्रवेश कर लिया। मनीषा ने प्रतियोगिता में विजयी पदार्पण करते हुये 54 किग्रा बैंटम वेट वर्ग में अमेरिका की अनुभवी मुक्केबाज़ क्रिस्टीना क्रूज़ को प्रारंभिक मुकाबले में 5-0 से पीट दिया जबकि सरिता ने लाइटवेट (60 किग्रा) वर्ग के पहले दौर में स्विट््जरलैंड की डियाना सांड्रा ब्रगर को 4-0 से हरा दिया। हरियाणा की मनीषा ने हाल ही में सितंबर में पोलैंड में आयोजित चैम्पियनशिप के 54 किलोग्राम वर्ग के सेमीफाइनल में पूर्व यूरोपियन चैम्पियन विक्टोरिया कुलेशोवा को हराने के बाद रजत पदक जीता था और विश्व चैंपियनशिप में उन्होंने शानदार शुरूआत की।
मनीषा ने प्रीलिम राउंड में अमेरिका की 36 साल की मुक्केबाज क्रिस्टीना को जजों के सर्वसम्मत फैसले से 29-28, 30-27, 30-26, 30-26, 29-28 से पराजित किया। जीत हासिल करने के बाद मनीषा ने कहा,मैंने पहले राउंड में अपनी प्रतिद्वंद्वी को तौला और फिर तीसरे राउंड में उसपर जमकर अटैक किया। मुझे आक्रामक खेलने का फायदा मिला। इस मुकाबले को देखने के लिये मनीषा की मां भी दर्शकों के बीच मौजूद थीं और अपनी बेटी की जीत के बाद वह भी खासी रोमांचित दिखीं। मनीषा ने बताया कि उनकी मां यह मैच देखने आयी थीं और उनकी जीत से उन्हें बहुत खुशी हुई है। उन्होंने कहा, पहले मेरे माता-पिता मुक्केबाजी के बारे कुछ नहीं जानते थे लेकिन अब वे गर्व महसूस करते हैं। मनीषा ने कहा कि पोलैंड में मुझे जो अनुभव हासिल हुआ था, वह यहां काफी काम आया है। मैंने काफी अच्छी तैयारी की थी और अपने घरेलू दर्शकों की हौसलाअफजाई के बीच मैंने अच्छी शुरूआत की।
भारत की सबसे अनुभवी मुक्केबाजों में से एक दिग्गज सरिता देवी ने 2001 में पहली बार विश्व चैम्पियनशिप में हिस्सा लिया था। वह 12 साल बाद इस अहम प्रतियोगिता में वापसी कर रहीं थीं।नई दिल्ली में 2006 में पहली बार आयोजित प्रतियोगिता के संस्करण में अंतिम बार सरिता ने हिस्सा लिया था और स्वर्ण पदक जीता था। इसके बाद 2008 में चीन में सरिता ने कांस्य जीता था। 36 साल की मणिपुर निवासी सरिता ने स्विट्जरलैंड की डियाना सांड्रा ब्रगर से अपना मुकाबला 28-28, 29-28, 30-27, 29-28, 29-28 से जीता। डियाना ने अपने पहले राउंड के मुकाबले में इंडोनेशिया की हासानाह हुस्वातुन को 5-0 से हराया था लेकिन वह भारतीय मुक्केबाज के प्रहारों का सामना नहीं कर सकीं। 2008 से विश्व चैम्पियनशिप में हिस्सा ले रही डियाना ने संघर्ष किया लेकिन सरिता ने घरेलू समर्थकों के दम पर मुकाबला जीत लिया। जीत हासिल करने के बाद सरिता ने कहा, डियाना अनुभवी मुक्केबाज है और उसे काबू करने के लिए मुझे संघर्ष करना पड़ा। लेकिन मुझे Þखुशी है कि दर्शकों ने मेरा हौसला बढ़ाया और मैंने अपना मुकाबला जीत लिया। मनीषा इससे पहले अपना मुकाबला जीत चुकी थीं, जिससे मेरा आत्मविश्वास बढ़ चुका था।