मान-मनौव्वल के बाद मान गए रूठे दामाद, दूर हुई कैलाश के बेटे की मुश्किल

 मान-मनौव्वल के बाद मान गए रूठे दामाद, दूर हुई कैलाश के बेटे की मुश्किल

इंदौर
मध्य प्रदेश की चर्चित विधानसभा सीट इंदौर-तीन से बीजेपी के बागी प्रत्याशी और कैलाश विजयवर्गीय के दामाद ललित पोरवाल ने अपना नामांकन वापस ले लिया है. कैलाश विजयवर्गीय की पत्नी उन्हें कलेक्ट्रेट लेकर पहुंचीं और ललित ने अपना नामांकन वापस ले लिया. बताया जा रहा है कि काफी मान-मनौव्वल के बाद उन्होंने नामांकन वापस लिया है. (इसे पढ़ें- बेटे के विधानसभा क्षेत्र में कदम नहीं रखेंगे कैलाश विजयवर्गीय!)

दरअसल, कैलाश विजयवर्गीय के बेटे आकाश विजयवर्गीय इंदौर-तीन विधानसभा से मैदान में हैं. और उनके सामने कैलाश के दामाद ललित पोरवाल मैदान में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में उतर गए थे. ललित पोरवाल से कैलाश विजयवर्गीय की भतीजी सपना विजयवर्गीय की शादी हुई है. विजयवर्गीय ने ही सपना का कन्यादान किया था.

ललित पोरवाल कैलाश विजयवर्गीय के सबसे अच्छे मित्र और करीबी भी माने जाते हैं लेकिन सबको चौंकाते हुए उन्होंने आकाश के सामने ही परचा भर दिया था. इसके बाद कांग्रेस को भी बीजेपी पर हमला बोलने का मौका मिल गया था. कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि विजयवर्गीय अपने दामाद को ही नहीं संभाल पा रहे हैं तो पार्टी को क्या संभालेंगे. हालांकि अब मामला सुलझ गया है.

बता दें कि कैलाश के बेटे आकाश विजयवर्गीय को टिकट मिलने के बाद राजनीतिक गलियारों में वंशवाद पर चर्चाएं तेज हो गईं थीं. इसके बाद कैलाश विजयवर्गीय ने इस पर सफाई दी है. इसके बाद उन्होंने ऐलान किया कि वे अपने बेटे आकाश के लिए चुनाव प्रचार ही नहीं करेंगे और तीन-नम्बर विधानसभा में कदम नहीं रखेंगे. उनका कहना है कि आकाश अपनी योग्यता के आधार पर चुनाव जीतेगा और लोगों का मिथक टूटेगा कि कैलाश विजयवर्गीय का बेटा है इसलिए चुनाव जीता है