मेजर केतन ने शहादत से कुछ देर पहले लिखी थी ‘लास्ट पोस्ट’

मेरठ
अनंतनाग में मुठभेड़ के दौरान मेजर केतन शर्मा को सोमवार सुबह ही अनहोनी का आभास हो गया था। उन तक मदद पहुंचने में समय लग रहा था। तभी मेजर ने व्हाट्सएप के अपने फैमिली ग्रुप पर सुबह करीब 7:30 बजे अपनी एक सेल्फी डाली और लिख दिया था - ‘लास्ट पोस्ट’।
मेजर ने इसके बाद मोबाइल बंद कर दिया। इसके कुछ समय बाद मेजर ने ऑपरेशन खत्म होने के बाद अपना मोबाइल खोला और इसी ग्रुप में अपडेट किया कि आज तो बाल-बाल बच गए। हालांकि दोपहर में इसी ऑपरेशन में आतंकियों को सर्च करने के दौरान वह शहीद हो गए।
परिवार की बेचैनी बढ़ गई थी
मेजर केतन शर्मा के साले सचिन और लुधियाना के रहने वाले ममेरे भाई अनिल ने बताया कि रविवार रात से ही अनंतनाग में आतंकियों की घेराबंदी के लिए ऑपरेशन जारी था। ऑपरेशन पर जाने से पहले उन्होंने इसकी जानकारी दी थी कि आतंकियों की सूचना पर जाना पड़ रहा है। इसके बाद वह टुकड़ी के साथ निकल गए। इस दौरान परिवार की रात आंखों में कटी। सुबह पोस्ट पढ़ने के बाद परिवार की बैचेनी बढ़ गई। उन्होंने केतन का मोबाइल मिलाने का प्रयास किया, लेकिन वह स्विच ऑफ मिला। इसके कुछ देर बाद जब मेजर ने ग्रुप को अपडेट किया, तब कहीं जाकर परिवार ने राहत की सांस ली।
ऑपरेशन के बाद बाकी आतंकियों की तलाश जारी थी और इसी के लिए केतन अपनी टीम के साथ लगे हुए थे। दोपहर के समय आतंकियों ने मेजर और उनके साथियों को धोखे से घेर लिया और हमला कर दिया। इसी मुठभेड़ में मेजर शहीद हो गए। परिजनों ने कहा कि शायद केतन को अनहोनी का अहसास हो गया था और इसी कारण उन्होंने लास्ट पोस्ट लिखकर संदेश दे दिया था।
एनडीए में चयन नहीं हुआ तो खूब रोए थे
सेना में अधिकारी बनने के लिए केतन ने दिन-रात मेहनत की और अपने सपने को सच कर दिखाया। उनकी मां ने बताया कि जब तीसरी बार एनडीए में चयन नहीं हुआ तो वह अपने कमरे में बैठकर खूब रोया। उसे समझाया तो दोबारा तैयारी शुरू की थी। केतन ने मेरठ में अपनी 12वीं तक की पढ़ाई पूरी की।
इसके बाद वो दिल्ली चले गए। सेना में भर्ती के लिए केतन एनडीए की तैयारी कर रहे थे। एनडीए में पहले दो बार में सफलता नहीं मिली। मेजर केतन की मां ने बताया कि वो दिन आज भी याद है जब केतन पूरे दिन भूखा रहा और अपने कमरे में बैठकर रोता रहा। इसके बाद शाम को उसे दोबारा से तैयारी करने के लिए हौसला दिया, जिसके बाद केतन ने दोबारा अपनी तैयारी की। इसके बाद केतन ने सीडीएस में सफलता पाई।