यहां आरटीओ अधिकारी नहीं बल्कि एजेंट बनाते हैं ड्राइविंग लाइसेंस
सीधी
मध्य प्रदेश के सीधी जिले में अफसरों की हुकूमत नहीं, बल्कि दलालों की फटकार चलती है. जिला परिवहन कार्यालय सीधी में आने वाले आवेदकों को बाबू के पहले दलालों के संपर्क करना पड़ता है, जहां ड्राइविंग लाइसेंस, परमिट, फिटनेस संबंधित काम करवाने के लिए पहुंच रहे हजारों आवेदकों से दलालों द्वारा दोगुना पैसा वसूला जा रहा है.
सीधी जिला परिवहन कार्यालय में दलालों की इतनी तूती बोलती है कि वे बाबूओं के बाजू में कूर्सी लगाकर बैठे रहते हैं. एक आवेदक ने बताया कि ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए परिवहन अधिकारी नहीं, बल्कि कार्यालय के भीतर बैठे दलालों से मिलना पड़ता है. इन दलालों द्वारा फर्जी दस्तावेज और मेडिकल प्रमाण पत्र भी बनाए जाते हैं और धड़ल्ले से लाइसेंस आवेदन के लिए लगाए भी जाते हैं.
परिवहन अधिकारियों को दलालों की कारगुजारी पता होने के बावजूद इन सबको नजरअंदाज किया जा रहा है. यहा आने वाले आवदकों का कहना है कि आरटीओ में दलाल भी अब सिस्टम का अंग बनकर काम कर रहे हैं. यहां कि सरकारी सीटों पर भी दलालों का कब्जा है, लेकिन आरटीओ अधिकारी जानकर भी अंजान बने हुए हैं.
आरटीओ अधिकारी कृतिका मोहटा का कहना है कि उन्होंने किसी एजेंट को अधिकृत नहीं किया है और जो आवेदक दलालों के माध्यम से लाइसेंस बनवाते हैं तो यह उनकी स्वेच्छा है. उन्होंने कहा कि आरटीओ परिसर में किसी भी एजेंट को स्थान नहीं दिया गया है, जो एजेंट परिवहन संबधित काम करते हैं वो अपनी जगह बैठते हैं और उनके पास एजेंटों को हटाने का कोई हक नहीं है.