वीडियोकॉन मामले में धूत की पर्सनल गारंटी भुनाना चाहते हैं बैंक

वीडियोकॉन मामले में धूत की पर्सनल गारंटी भुनाना चाहते हैं बैंक

नई दिल्ली
वीडियोकॉन ग्रुप से लगभग 20,000 करोड़ रुपये के लेनदार बैंकों का एक ग्रुप दिल्ली के डेट रिकवरी ट्राइब्यूनल के पास जा रहा है। बैंक इस लोन के लिए कंपनी के प्रमोटरों- वेणुगोपाल धूत और उनके भाई राजकुमार धूत की तरफ से दी गई पर्सनल गारंटी भुनाने की इजाजत चाहते हैं। ईटी ने एसबीआई की जो एप्लिकेशन देखी है, उसके मुताबिक धूत बंधुओं ने गारंटी भुनाने को लेकर बैंक के भेजे नोटिस का जवाब नहीं दिया है, इसलिए वह ट्राइब्यूनल में जा रहा है। एसबीआई के आवेदन के मुताबिक धूत बंधुओं ने वादा किया था कि अगर उनकी कंपनियां रिपेमेंट में डिफॉल्ट कर जाती हैं तो बैंकों का पैसा वह खुद लौटाएंगे। बैंक ने ट्राइब्यूनल से इस मामले में धूत के खिलाफ ऑर्डर पास करके सर्टिफिकेट ऑफ रिकवरी जारी करने का अनुरोध किया है।

 
सूत्रों ने बताया कि ऐसी ही एप्लिकेशन ICICI बैंक, आंध्रा बैंक, IDBI बैंक और बैंक ऑफ इंडिया ने भी दी है। SBI के स्पोक्सपर्सन ने ईटी के सवालों के जवाब में कहा कि बैंक की इंडिविजुअल एकाउंट और उसके ट्रीटमेंट पर कमेंट करने की पॉलिसी नहीं है। इस मामले में वेणुगोपाल धूत का जवाब मंगलवार को खबर लिखे जाने तक नहीं मिल पाया था। SBI ने बकाया लोन की वसूली के लिए मुंबई में नेशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल (NCLT) के पास वीडियोकॉन ग्रुप की पैरेंट कंपनी वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड और ग्रुप की 14 अन्य कंपनियों के खिलाफ अलग से इन्सॉल्वेंसी प्रोसीडिंग्स शुरू की है। पैरेंट कंपनी के खिलाफ दी गई एप्लिकेशन जून में स्वीकार की गई थी और उसके बाद उसे कोर्ट की तरफ से अप्वाइंट किए गए रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल की देख-रेख में दे दिया गया। इससे कंपनी की बिक्री की प्रक्रिया शुरू हो गई।

सुप्रीम कोर्ट ने अगस्त में बैंकों को डिफॉल्ट करने वाली कंपनियों के प्रमोटर्स की पर्सनल गारंटी उस स्थिति में भी भुनाने की इजाजत दी थी जिसमें उनके खिलाफ इन्सॉल्वेंसी प्रोसीडिंग्स शुरू हो गई हो। एनसीएलटी ने शुरुआत में बैंकों को इस अधिकार से वंचित कर दिया था। NCLT ने पहले लोन की रिकवरी के लिए वीसंस एनर्जी सिस्टम्स के प्रमोटरों की पर्सनल भुनाने की एसबीआई की अपील को इस आधार पर खारिज कर दिया था कि कंपनी के खिलाफ इन्सॉल्वेंसी प्रोसीडिंग्स शुरू हो चुकी है। वीडियोकॉन पहले रिजर्व बैंक की तरफ से तैयार की गई नॉन परफॉर्मिंग एसेट लिस्ट में शामिल थी। सूत्रों ने ईटी को बताया कि बैंक कंपनी के कंज्यूमर इनेक्ट्रॉनिक्स को बेचकर 14,000 करोड़ रुपये तक की रकम रिकवर कर सकते हैं।

वीडियोकॉन के खिलाफ इन्सॉल्वेंसी रिजॉल्यूशन प्रोसेस बहुत सुस्त रहा है क्योंकि धूत ने ग्रुप की उन कंपनियों के खिलाफ बैंकों की तरफ से फाइल की गई इन्सॉल्वेंसी पिटीशन का शुरुआत में विरोध किया था जो पेरेंट कंपनी की तरफ से लिए गए लोन की को-गारंटर थीं। इन कंपनियों के कारोबार एक दूसरे से जुड़े हैं और कोर्ट ने वीडियोकॉन की सभी कंपनियों के खिलाफ चल रही प्रोसीडिंग्स को मुंबई में एनसीएलटी की सिंगल बेंच के पास कंसॉलिडेट करने की रिक्वेस्ट को हाल ही में मंजूरी दी है।