शहर में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अफसर के कामकाज पर सवाल उठना शुरू

शहर में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अफसर के कामकाज पर सवाल उठना शुरू

ग्वालियर
मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अफसर के कामकाज पर सवाल उठना शुरू हो गए हैं। इस बार किसी बाहर के व्यक्ति द्वारा नहीं बल्की स्वयं जिला कलेक्टर अनुराग चौधरी ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी एनपी सिंह को सख्त नोटिस जारी किया है। इस नोटिस के मुताबिक अधिकारी पर पद की गरिया के खिलाफ काम करने के आरोप लगे हैं। कलेक्टर ने नोटिस में कहा है कि एनपी सिंह ने क्रेशरों को वायु प्रदूषण की दृष्टि से मनमाने ढंग से अनुमति, क्रेशरों की शिकायत की जांच न करना, कारण बताओ नोटिस का जवाब न देना,वायु व उत्सर्जन के सैंपल लेने की शक्तियों का दुरूपयोग,सीएम हेल्पलाइन के प्रकरणों का भी निराकरण नहीं किया है। मज़े की बात तो यह है कि कलेक्टर के नेटिस को अधिकारी ने गंभीरता से न लेते हुए कलेक्टर को ही इस मामले में कंफ्यूज कह दिया है। उन्होंने कहा कि हमारे पास बहुत लोड है इसलिए रविवार को भी काम कर रहे हैं। कलेक्टर को कंफ्यूजन हुआ है,ऐसा कुछ भी नहीं है,नोटिस क्या होते हैं,वो तो कुछ भी दिया जा सकता है। हमारे पास पैकेज तैयार है,हम लगे हुए हैं। उन्हें क्लियर कर दूंगा।

जिले में प्रदूषित तत्वां एवं वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए वायु प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण अधिनियम 1981 के अंतर्गत कलेक्टर ने क्षेत्रीय अधिकारी एनपी सिंह को नोटिस जारी किया है। उन्होने जारी किए गए नोटिस में विस्तृत रूप से कहा है कि वायु प्रदूषण को दृष्टिगत रखते हुए मनमाने ढंग से पदीय गरिमा के विरूद्व क्रेशरों को अनुमति प्रदान करना, क्रेशरों से होने वाले प्रदूषण की शिकायतों की जांच न कर अपने कर्तव्य के प्रति लापरवाही बरतने पर क्षेत्रीय अधिकारी को पूहले भी कई बार नोटिस जारी किए जा चुके हैं। इनके द्वारा नोटिस का जवाब न दिया जाना भी कर्तव्य निष्ठा के विपरीत कृत्य को दर्शाता है। इनके द्वारा प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण अधिनियम 1981 की धारा-26 में वायु या उत्सजर्न के नमूने लेने के अधिकारियों का गलत उपयोग करते हुए वरिष्ठ अधिकारियों के आदेशां की अव्हेलना की गई है।

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी एनपी सिंह ने डबरा अनुभाग में क्रेशरों को बिना रिएलिटी चेक किए संचालन के लिए पर्यावरण एनओसी जारी कर दीं। डबरा एसडीएम जयति सिंह ने इस मामले को चेक भी कराया था जिसमें पाया गया कि क्रेशरों से धूल के कारण वायु प्रदूषण को खतरा है और लोगों पर भी इसका असर पड़ रहा है। बिना एसडीएम का मत लिए ही एनओसी जारी कर दीं गईं। डबरा एसडीएम ने जिला कलेक्टर को इस पूरे मामले से अवगत कराया था।