सरकारी बंगलों में मनपसंद टाइल्स-एसी नहीं लगेंगे, हो रहा दुरुपयोग

पटना
जज, मंत्री हों या आलाधिकारी, सरकारी बंगले में अपनी मर्जी के अनुसार सोफा, पंखा, एसी या महंगे टाइल्स नहीं लगा सकेंगे। सरकारी बंगलों में रहने से पहले उसकी साज-सज्जा और सामान बदलने के नाम पर हो रहा खर्च अब दुरुपयोग की श्रेणी में आएगा। फिजूलखर्ची पर लगाम लगाने के लिए भवन निर्माण विभाग ने इंजीनियरों को जरूरी आदेश दिये हैं।
दरअसल, बीते 31 मई को सदस्य (न्यायिक) लोकायुक्त ने सरकारी बंगलों में हो रहे खर्च से संबंधित एक मामले की सुनवाई की। इसमें पाया गया कि व्यवहार में ऐसा देखा जा रहा है कि जब भी सरकारी बंगला में जज, मंत्री या अधिकारी रहने आते हैं, पर्दा, सोफा, पंखा, एसी से लेकर टाइल्स तक बदलवा देते हैं। सामान बदलने में यह भी नहीं देखा जाता है कि उसे कब लगाया गया था। इस प्रवृत्ति को लोकायुक्त ने सरकारी राशि के दुरुपयोग की आशंका जताई है, इसलिए भविष्य में सरकारी बंगलों में अनावश्यक पैसा खर्च न हो, इसके लिए आदेश जारी किया है।आदेश में कहा गया है कि सरकारी बंगला छोड़ते या उसमें रहने के लिए आते समय वीडियोग्राफी कराई जाए।
सरकारी खर्चे पर लगाए गए सभी सामान की सूची तैयार की जाए। इसे प्रमाण के तौर पर भवन निर्माण विभाग अपने पास रखे। बंगला में जाने वाले आलाधिकारी या मंत्री कोई भी सामान बदलने की मांग करेंगे, वीडियोग्राफी के आधार पर देखा जाएगा कि उस सामान की वास्तविक स्थिति क्या है। बंगला में और एसी लगाए जाने की मांग पर भी समीक्षा होगी कि उसकी जरूरत है या नहीं। लोकायुक्त के आदेश के आलोक में ही भवन निर्माण के उप सचिव की ओर से कार्यपालक, अधीक्षण व मुख्य अभियंताओं को निर्देश जारी किया गया है।
सरकारी भवनों का रखरखाव केंद्रीय लोक निर्माण संहिता (सीपीडब्ल्यूडी) की तरह होगा। सरकारी राशि का दुरुपयोग रोकने के लिए सीपीडब्ल्यूडी की तर्ज पर भवन निर्माण विभाग एक नियमावली तैयार करेगा। तीन महीने में यह नियमावली तैयार करने के लिए अभियंता प्रमुख की अध्यक्षता में समिति बनाई गई है। नियमावली में सरकारी भवनों के रखरखाव में कदाचार या भ्रष्टाचार पर नियंत्रण के लिए आवश्यक प्रावधान होगा।