सुरक्षा बल के जवानों ने इस साल मारे 124 नक्सली, 58 जवान भी शहीद
रायपुर
सरकार भले देश भर में नक्सल हिंसा में कमी का दावा कर रही हो. साथ ही नक्सलियों को खदेड़ने के भी दावे किए जा रहे हों, लेकिन छत्तीसगढ़ में नयी सरकार के गृहमंत्री के सामने माओवाद एक बड़ी समस्या है. पिछले एक साल में ही सुरक्षा बल के जवानों के साथ 170 बार मुठभेड़ हुई. इसमें 58 जवानों की शहादत नक्सल हिंसा में हुई है.
नक्सल हिंसा का केन्द्र मानें जाने वाले छत्तीसगढ़ में मौत के आंकड़े चिंता बढ़ाने वाले हैं. गृह मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार 2015 में नक्सल हिंसा में 101 लोग मारे गए थे. साल 2016 में मौत का आंकड़ा 107 तक पहुंचा. लेकिन अगले साल यानी 2017 में माओवादी हिंसा में सर्वाधिक मौतें हुईं और यह आंकड़ा 130 तक पहुंच गया. इनमें सुरक्षा बल के 60 जवानों को अपनी जान गवानी पड़ी.
साल 2018 में 58 जवान नक्सल हमलों में अपनी जान गवां चुके हैं. एक आंकड़े के अुनसार साल 2018 में अब-तक के नक्सल हिंसा में 124 नक्सली मारे गए. करीब 11 सौ नक्सलियों ने पुलिस रिकॉर्ड में समर्पण किया. जबकि 450 नक्सलियों को गिरफ्तार करने का दावा किया गया है. एंटी नक्सल आॅपरेशन के डीआईजी सुंदराज पी का कहना है कि नक्सलियों पर अंकुश लगाने में सुरक्षा बल के जवान लगातार कामयाब हो रहे हैं. इस साल अलग अलग मुठभेड़ों में 124 नक्सलियों को ढेर किया गया है.