आजादी के 71 साल बाद गरियाबंद के इस गांव में पहुंची बिजली, जश्न का माहौल

आजादी के 71 साल बाद गरियाबंद के इस गांव में पहुंची बिजली, जश्न का माहौल

गरियाबंद
रोशनी जिंदगी में हो या फिर अंधेरे घरों में, उसकी अहमियत का एहसास सिर्फ उसी व्यक्ति को हो सकता है जिसकी जिंदगी या घर में रोशनी की एक किरण तक न पहुंची हो. दरअसल, छत्तीसगढ़ में गरियाबंद जिले के बीहड़ जंगल में बसे गोना गांव के केशवनाथ और चंदनसिंह के लिए जलता हुआ बल्ब देखना किसी सपने से कम नहीं है. हालांकि उनका ये सपना पूरा हो गया है. बता दें कि इनके गांव में पहली बार बिजली पहुंची है. आजादी के 71 साल बाद इनकी जिंदगी और घरों में रोशनी आई है. इससे पहले यहां के लोग कैंडल के सहारे अपनी जिंदगी बीता रहे थे.

बटन दबाकर बल्ब चालू करता केशवनाथ और बल्ब के सामने खडा चंदनसिंह आज बिजली पहुंचने से बेहद खुश हैं. गांव में बिजली आने के बाद से जश्न का माहौल है. घरों में जलती लाइट देखकर ग्रामीण खुशी से फूले नहीं समा रहे हैं. महिलाएं हो या स्कूली बच्चे सभी बिजली के आने से काफी उत्साहित हैं.

स्कूली छात्रा योगेश्वरी मरकाम को देखकर तो ऐसा लगता है मानों भगवान ने उसकी कोई बड़ी मुराद पूरी कर दी हो. मीडिया से बात करते हुए छात्रा ने बताया कि अब वह किसी भी समय पढ़ाई कर सकती है. रात हो या दिन जब चाहे लाइट की रोशनी में पढ़ सकती है. अब तो उसने स्कूल के कबाड़खाने में रखा कंप्यूटर निकालकर उस पर काम करना भी शुरू कर दिया है.

वहीं शासन ने कुछ साल पहले यहां सोलर सिस्टम से बिजली पहुंचाने का काम किया था. गांव में सोलर सिस्टम तो लगाया गया, लेकिन देखरेख के आभाव में ग्रामीणों को इसका लाभ कभी नहीं मिल पाया. अभी विद्युत विभाग ने गांव के महज 40 घरों में ही बिजली पहुंचाई है जबकि 100 से अधिक घरों में अभी भी बिजली पहुंचने का इंतजार है.