खेल मैदान पर आवासीय हॉस्टल बनाने से आहत खिलाड़ियों ने गांधी चौराहे को बनाया प्लेग्राउंड

खेल मैदान पर आवासीय हॉस्टल बनाने से आहत खिलाड़ियों ने गांधी चौराहे को बनाया प्लेग्राउंड

मंदसौर
मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले में खेल मैदान को आवासीय हॉस्टल में तब्दील करने के जिला प्रशासन के निर्णय के खिलाफ खिलाड़ियों ने विरोध का नया तरीका अपनाया है. खेल मैदान छोड़कर खिलाड़ी शहर के बीचोबीच गांधी चौराहे पर खेल रहे हैं. बता दें कि सड़क के बीच चौराहे पर कोई क्रिकेट खेल रहा है, कोई बेसबॉल खेल रहा है, कोई हॉकी खेल रहा है, तो कोई वॉलीबॉल खेल रहा है. ये कोई खेल का मैदान नहीं बल्कि मंदसौर का गांधी चौराहा है, जहां वे जिला प्रशासन के खिलाफ अपना विरोध जता रहे हैं.

जिला प्रशासन के निर्णय का विरोध कर रहे खिलाड़ियों ने सड़क को ही अपना खेल का मैदान बना लिया है. दरअसल, जिला प्रशासन ने हाल ही में उत्कृष्ट विद्यालय के खेल परिसर में आवासीय हॉस्टल बनाने का निर्णय लिया है. इसका खिलाड़ियों द्वारा लगातार विरोध किया जा रहा है.

खिलाड़ी इससे पहले भी यहां पर मानव श्रृंखला बनाकर जिला प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर चुके हैं. इसी क्रम में एक बार फिर बीते सोमवार को खिलाड़ियों ने जिले के गांधी चौराहे पर अपने बल्ले, गेंद, फुटबॉल आदि सभी खेल सामग्री लाकर सड़क के बीच चौराहे पर खेलना शुरू कर दिया.

इधर, खिलाड़ियों के इस अनूठे विरोध को देखते हुए मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिए गए. बीच चौराहे पर खिलाड़ियों के विरोध का यह अनूठा तरीका जारी है.

मामले में जिला खेल संगठन के पदाधिकारी विनय दुबेला ने कहा कि जिला प्रशासन के निर्णय से आहत होकर उन्हें इस तरह का विरोध करना पड़ रहा है. उनका कहना है कि मंदसौर में जब ग्राउंड बचेगा ही नहीं तो खिलाड़ी खेलेंगे कहां. इसलिए उन्होंने मंदसौर के गांधी चौराहों को ही खेल का मैदान बनाकर विरोध जताया है.

वहीं सीएसपी राकेश मोहन शुक्ला ने कहा कि प्रजातंत्र देश में शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन करने का हर किसी को पूरा अधिकार है. उन्होंने बच्चों द्वारा किए जा रहे प्रदर्शन से ट्रैफिक पर कोई प्रभाव नहीं हुआ. अगर इससे ट्रैफिक पर कोई प्रभाव पड़ा तो वे जरूर एक्शन लेंगे.